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बजट 2018: टूरिज्म इंडस्ट्री को चाहिए टैक्स से राहत

टूरिज्म इंडस्ट्री की डिमांड है कि जीएसटी 18 फीसदी से कम किया जाए ताकि सैलानियों को आकर्षित किया जा सके

Bhasha

टूरिज्म की घरेलू कंपनियां इस बार बजट में टैक्स से कुछ राहत की उम्मीद कर रही है. ग्लोबल मार्केट में विदेशी कंपनियों को टक्कर देने के लिए वे टैक्स में कमी करने की मांग कर रही हैं. कंपनियों का कहना है कि टूरिज्म इंडस्ट्री के हक में नीति बनाने से रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे.

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मेकमायट्रिप के फाउंडर और ग्रुप के सीईओ दीप कालरा ने कहा, ‘थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर जैसे ग्लोबल मार्केट में वहां की कंपनियों से मुकाबला करने के लिए भारतीय कंपनियों को उनके बराबर रेट पर सर्विस देने की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में कम टैक्स की वजह से इन देशों को सैलानी ज्यादा पसंद करते हैं. जबकि खर्च के लिहाज से पर्यटकों के लिए भारत महंगा है.

कॉक्स एंड किंग्स ग्रुप के सीईओ पीटर केरकर ने कहा, ‘घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार को जीएसटी की दरें कम करनी चाहिए.’ फिलहाल 2500-7500 रुपए के होटल कमरों पर 18 फीसदी जीएसटी है. उनका कहना है कि दूसरे देशों के मुकाबले यह काफी ज्यादा है.