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केंद्रीय बजट 2018: सीटें खाली रहने पर रेलवे दे सकता है टिकटों में छूट

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे, विमानन कंपनी और होटलों के डायनमिक प्राइसिंग प्रारूप का अध्ययन कर रहा है

FP Staff

भारतीय रेलवे भी होटलों और विमानन कंपनियों की तर्ज पर टिकट बुकिंग पर छूट देने की तैयारी में है. इसके तहत रेलगाड़ी के पूरा बुक नहीं होने पर रेलवे विमानन कंपनियों और होटल की तरह टिकट में छूट दे सकती है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को फ्लेक्सी किराए में पूरी तरह से सुधार करने के संकेत देते हुए यह बात कही.

गोयल की यह टिप्पणी फ्लेक्सी किराए स्कीम की समीक्षा के लिए छह सदस्यीय समिति के गठन के बाद आई.


वरिष्ठ अधिकारियों के एक दिवसीय सम्मेलन के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'रेलवे, विमानन कंपनी और होटलों के डायनमिक प्राइसिंग प्रारूप का अध्ययन कर रहा है. हम डायनमिक प्राइसिंग नीति पर विचार-विमर्श कर रहे हैं. अभी तक हमारा ध्यान कीमतें न बढ़ें इस पर था लेकिन मैं इससे आगे जाना चाहता हूं. मैं ऐसी संभावना तलाश रहा हूं कि अगर रेलगाड़ी की सीटें नहीं भरे तो विमानन कंपनियों की तरह किराए में रियायत दी जा सके.'

गोयल ने कहा, 'हम इसमें अश्विनी लोहानी की विशेषज्ञता का इस्तेमाल करेंगे. जैसे होटलों में डायनामिक प्राइसिंग है. सबसे पहले कीमतें कम फिर बाद में कीमतें बढ़ती जाती है और बाद में बचे कुछ कमरों पर बुक माय होटल और अन्य वेबसाइटों के माध्यम से छूट की पेशकश होती है.'

उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि फ्लेक्सी किराए केवल रेल टिकट की कीमत में बढ़ोत्तरी के लिए ही क्यों थे. बता दें कि सितंबर 2016 में रेलवे ने फ्लेक्सी फेयर सिस्टम को शुरू किया था, इस सिस्टम में किराया सीटें भरने के साथ-साथ 50 फीसदी तक बढ़ जाता है.

वहीं रेलवे 31 मार्च, 2018 तक सभी रेलवे स्टेशनों को एलईडी से रोशन करने की कोशिशों में जुटा हुआ है. रेलवे सक्रिय तरीके से रेलवे कर्मचारियों की कॉलोनियों, स्टेशनों तथा प्लेटफार्मों की बिजली की जरूरत को शतप्रतिशत एलईडी से पूरा करने का प्रयास कर रही है.

रेल मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक सभी रेलवे स्टेशनों को 100 प्रतिशत एलईडी लाइटिंग से रोशन करने का फैसला किया है. इस कदम से न केवल बिजली की खपत कम होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी.

नवंबर 2017 तक देश के 3,500 रेलवे स्टेशनों में एलईडी बल्ब लगाए जा चुके हैं. इनमें 20 लाख एलईडी बल्ब लगाए गए हैं. इसमें कहा गया है कि इससे रेलवे की बिजली खपत में करीब 10 प्रतिशत की बचत होगी.