ऑटो के औद्योगिक संगठन सियाम ने कहा है कि आरएंडडी के लिए सरकार को फिर से छूट देने की व्यवस्था करनी चाहिए. सरकार पहले आरएंडडी करने पर पहले टैक्स छूट देती थी. यह छूट वेटेड टैक्स डिडक्शन के नाम पर मिलती थी.
बजट से पहले बैठक में ऑटो कंपनियों ने यह भी मांग रखी थी कि कुछ इंपोर्टेड इलेक्ट्रिक व्हीकल पार्ट्स को भी प्रीफरेंशियल टैरिफ लिस्ट में शामिल कर दिया जाए ताकि इको फ्रेंडली टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया जा सके.
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सियाम के डिप्टी डायरेक्टर जनरल सुगातो सेन ने कहा, 'जब सरकार ने वेटेड टैक्स डिडक्शन में कमी की तब यह कहा गया था कि कॉरपोरेट टैक्स को 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दिया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.'
फिस्कल ईयर 2017-18 में आरएंडडी पर वेटेड टैक्स छूट 200 फीसदी से घटाकर 150 फीसदी कर दिया है. उन्होंने कहा, 'हमने सरकार से मांग की है कि अगर टैक्स रेट नहीं घटाया जाता है तो आरएंडडी के जरिए मिलने वाले वेटेड डिडक्शन को बढ़ा देना चाहिए.' सेन ने कहा कि भारत की कई ऑटो कंपनियां आरएंडडी पर काफी पैसा खर्च कर रही हैं, लिहाजा सरकार को इस मामले में कुछ अहम फैसला लेना चाहिए.
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के मामले में भी सरकार को कुछ ऐसे फैसले लेने चाहिए जिससे ऑटो कंपनियों का खर्च कम हो सके. ऑटो इंडस्ट्री की डिमांड है कि इंपोर्टेड कंपोनेंट्स को प्रीफरेंशियल इंपोर्ट टैरिफ लिस्ट में शामिल करना चाहिए. सेन ने कहा, 'यह लिस्ट पहले से ही हैं. हमें बस कुछ नए कंपोनेंट इसमें शामिल करना चाहिए.'