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एयर इंडिया की नीलामी में अब टाटा ग्रुप भी नहीं होगा शामिल

टाटा ग्रुप से पहले इंडिगो और जेट एयरवेज ने भी एयर इंडिया में हिस्सेदारी ना खरीदने का फैसला किया है. एयरइंडिया में हिस्सा खरीदने पर उसका कर्ज भी हिस्से में आएगा, जिसकी वजह से एयरलाइन कंपनियां इस डील से दूर हो रही हैं

FP Staff

इंडिगो और जेट एयरवेज के बाद अब टाटा ग्रुप ने भी एयर इंडिया में हिस्सेदारी ना खरीदने का फैसला किया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया में हिस्सेदारी खरीदने के मामले में टाटा ग्रुप को सबसे अहम माना जा रहा था. लेकिन अब टाटा ग्रुप के हाथ खींचने से सरकार की मुश्किल बढ़ सकती है.

जिस तरह से एक-एक करके एयरलाइन कंपनियां एयर इंडिया की नीलामी से हाथ खींच रही है, सरकार का विनिवेश की योजना मुश्किल में नजर आ रही है. घाटे में चल रही एयर इंडिया में सरकार 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचनी चाहती है.


इंडिगो ने पहले ही यह साफ कर दिया है कि उसे सिर्फ एयर इंडिया के इंटरनेशनल बिजनेस में दिलचस्पी है. उसे घरेलू बिजनेस में कोई रूचि नहीं है. इंडिगो के बाद जेट एयरवेज ने भी इसी तरह का ऐलान कर दिया.

जेट एयरवेज के डिप्टी चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर अमित अग्रवाल ने कहा, ‘एयर इंडिया के निजीकरण के फैसले का हम स्वागत करते हैं. लेकिन मेमोरेंडम में दी गई जानकारी और अपने रिव्यू के आधार पर हमने नीलामी में शामिल ना होने का फैसला किया है.’