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टाटा संस के निदेशक मंडल में जेट एयरवेज को खरीदने पर हो सकता है विचार

सूत्रों के मुताबिक नरेश गोयल के नियंत्रण में चल रही जेट एयरवेज इस समय नकदी संकट से जूझ रही है और उसे निवेशकों की तलाश है.

Bhasha

टाटा संस के निदेशक मंडल की बैठक शुक्रवार को हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में जेट एयरवेज के अधिग्रहण के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक नरेश गोयल के नियंत्रण में चल रही जेट एयरवेज इस समय नकदी संकट से जूझ रही है और उसे निवेशकों की तलाश है.

एयरलाइन के उप मुख्य कार्यकारी और मुख्य वित्त अधिकारी अमित अग्रवाल ने इसी सप्ताह इस बात की पुष्टि की थी कि उनकी कंपनी निवेश के इच्छुक कई पक्षों से बातचीत कर रही है. इसके अलावा एयरलाइन अपने छह बोइंग 777 विमान तथा लॉयल्टी कार्यक्रम 'जेट प्रिविलेज' में हिस्सेदारी बेचने जा रही है. सूत्रों ने कहा कि टाटा संस के निदेशक मंडल की शुक्रवार को बैठक होने जा रही है जिसमें जेट एयरवेज के अधिग्रहण के प्रस्ताव पर विचार होगा.


टाटा संस के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की. जेट एयरवेज ने भी इस बारे में पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया. टाटा समूह पहले ही दो एयरलाइन कंपनियों का परिचालन कर रहा है. इसमें पूर्ण सेवा विमानन कंपनी विस्तार और एयरएशिया इंडिया शामिल है. दोनों संयुक्त उद्यम हैं. विस्तार में सिंगापुर एयरलाइंस और एयरएशिया इंडिया में मलेशिया की एयर एशिया कंपनी भागीदार है.

जेट एयरवेज में गोयल और उनके परिवार की हिस्सेदारी 51 फीसदी और संयुक्त अरब अमीरात की एतिहाद एयरवेज की 24 फीसदी हिस्सेदारी है. इस बार सितंबर में खत्म तिमाही में जेट एयरवेज को 1,261 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. एक साल पहले इसी तिमाही में उसने 71 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था. यह लगातार तीसरी तिमाही है जबकि जेट एयरवेज को घाटा हुआ है.

खबरों में कहा गया है कि विस्तार एयरलाइन का परिचालन कर रही कंपनी टाटा सिंगापुर एयरलाइंस चाहती है कि जेट एयरवेज उसके साथ शेयरों के आधार पर विलय कर ले. शेयर बाजारों को भेजी सूचना में जेट एयरवेज ने इस तरह की खबरों को अटकलबाजी बताया है. खबरों में कहा गया है कि विभिन्न विकल्पों के बीच एक चर्चा यह भी है कि जेट एयरवेज का टाटा-एसआईए में शेयर अदला बदली करार के जरिए विलय किया जा सकता है जिससे नया संयुक्त उद्यम बनेगा. इसमें गोयल परिवार, एतिहाद, टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस भागीदार होंगे.

अग्रवाल ने कहा था कि उनकी कंपनी ने इस संबंध में बातचीत के लिए निवेश बैंकों और परामर्श फर्मों को की सेवाएं ले रखी है.