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कारोबारियों को राहत, GST रजिस्ट्रेशन की सीमा बढ़ाकर 40 लाख रुपए की गई

सुशील मोदी ने कहा कि करदाताओं को राज्य के अंदर एक पैन पर एक से ज्यादा निबंधन लिए जाने का प्रावधान किया गया है.

Bhasha

जीएसटी को लेकर सरकार ने थोड़ी राहत दे दी है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जीएसटी प्रणाली के तहत पंजीकरण के लिए कारोबार की तय सीमा को मौजूदा 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 40 लाख रूपए कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि कंपाउंडिंग योजना के तहत आने वाले करदाताओं के लिए भी सकल कारोबार की अधिकतम सीमा एक करोड़ रूपए से बढ़ा कर 1.5 करोड़ रूपए कर दी गई है. उन्हें तिमाही विवरणी की जगह पर सालाना विवरणी दाखिल करने की सुविधा प्रदान की गई है. 50 लाख रूपए तक सालाना कारोबार करने वाले सेवा प्रदाता को भी इस योजना का लाभ दिए जाने का निर्णय लिया गया है.


साल 2019-20 के बजट के पूर्व सचिवालय के सभागार में आयोजित तीसरी बैठक में उद्योग, व्यवसाय और परिवहन क्षेत्र के प्रतिनिधिगण, संबंधित विभागों के पदाधिकारीगण और दूसरे लोगों को सुशील मोदी ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जीएसटी प्रणाली लागू होने के पहले 2017-2018 की पहली तिमाही में दाखिल तिमाही विवरणी को सालाना विवरणी मान लिया जाएगा. उसके बाद जुलाई 2017 से सितम्बर 2018 तक की विवरणियां 31 मार्च 2019 तक दाखिल किए जाने पर विलंब शुल्क से छूट प्रदान की गई है.

सुशील ने कहा कि करदाताओं को राज्य के अंदर एक पैन पर एक से ज्यादा निबंधन लिए जाने का प्रावधान किया गया है, पर बिना रिटर्न दाखिल किए टैक्स जमा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि 5 अक्टूबर 2018 से डीजल की दरों को 26 प्रतिशत से घटा कर 22.20 प्रतिशत और पेट्रोल की दर को 19 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में जीएसटी के अंतर्गत निबंधित 3,88,259 व्यवसायियों में 1,68,205 वैट से माईग्रेटेड एवं 220054 नया पंजीकरण लेने वाले शामिल हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में 98,000 कंपोजीशन एवं 2,89,755 नियमित करदाता है. बैठक के दौरान उद्योग, व्यवसाय और परिवहन प्रक्षेत्र के प्रतिनिधियों ने पर्यटन, भंडारण और चाय पत्ती के लिए अलग नीति बनाने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को बैंकों से लोन लेने हेतु मार्जिन मनी में राज्य सरकार के जरिए अनुदान देने, पेशा कर को समाप्त करने, बिजली के वाहन हेतु नई नीति लाने और उनके निबंधन शुल्क में 50 प्रतिशत की रियायत देने आदि सुझाव दिए.