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सरकार ने उठाया कदम, अब और सस्ते होंगे घर

सरकार द्वारा अपार्टमेंट के निर्माण के एक साल के भीतर उसे बेचना लगभग बाध्‍यकारी बनाने के कारण घरों की कीमतों में कमी आ सकती है

FP Staff

होम बायर्स के और अच्‍छे दिन आने वाले हैं, क्‍योंकि घरों की कीमतें और कम हो सकती हैं. ऐसा सरकार द्वारा अपार्टमेंट के निर्माण के एक साल के भीतर उसे बेचना लगभग बाध्‍यकारी बनाने के कारण होने जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ऑक्‍यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) मिलने के एक साल के भीतर बिल्‍डर अगर फ्लैट्स नहीं बेचता है तो उसे कुल वैल्‍यू का लगभग 10 फीसदी टैक्‍स के रूप में इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट को देना पड़ सकता है.

रियल्‍टी कंसल्‍टेंट जेएलएल इंडिया के अनुसार, देश में इस समय लगभग 4.5 लाख फ्लैट्स अनसोल्‍ड हैं. बिल्‍डरों के लिए इन फ्लैट्स को जल्‍द बेचना अब जरूरी हो गया है. माना जा रहा है कि इससे फ्लैट्स की कीमतें और कम हो जाएंगी. रियल एस्‍टेट एक्‍सपर्ट प्रदीप मिश्रा के अनुसार, सरकार के इस कदम से भले ही बिल्‍डर्स को परेशानी होने जा रही है, लेकिन होम बायर्स के लिए यह अच्‍छी खबर है, क्‍योंकि अब बिल्‍डर आनन-फानन में प्रोजेक्‍ट बेचना चाहेगा. उनके अनुसार, अभी जितनी इन्‍वेंट्री है, उसे देखते हुए आने वाले एक-दो वर्षों तक प्रॉपर्टी की कीमत कम रह सकती है.


कीमतें कम करना है मकसद

साफ तौर पर सरकार के इस कदम का मकसद फ्लैट्स की कीमतें कम करना है, ताकि उन लोगों के घर के सपने भी पूरे हो सकें, जो अभी तक इसे नहीं खरीद पा रहे हैं. एक तरफ तो बिल्‍डर ऊंची कीमतों की उम्‍मीद में फ्लैट्स की बिक्री धीरे-धीरे करते हैं और दूसरी तरफ बायर्स कीमतें अधिक होने की वजह से उन्‍हें खरीद नहीं पाते. इससे अनसोल्‍ड फ्लैट्स या कहिए इन्‍वेंट्री बढ़ती चली जाती है.

डेवलपर्स पर कितना लगेगा टैक्‍स

वैसे तो इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट द्वारा लगाए जाने वाले इस टैक्‍स की तस्‍वीर फिलहाल साफ नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि डेवलपर्स को किसी फ्लैट के रेंटल वैल्‍यू का लगभग 30 फीसदी देना पड़ सकता है. यह किसी फ्लैट को अधिक समय तक होल्‍ड करने की स्थिति में उसकी कुल कीमत के 10 फीसदी तक जा सकता है. इसका मतलब है कि अगर किसी फ्लैट की कीमत एक करोड़ रुपए है तो बिल्‍डर को 10 लाख रुपए तक टैक्‍स देना पड़ सकता है. लग्‍जरी फ्लैट्स के मामले में तो टैक्‍स की रकम और अधिक हो सकती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

बेहतर होगा रियल्‍टी सेक्‍टर

सरकार के इस कदम से इन्‍वेंट्री यानी बिना बिके फ्लैट्स की संख्‍या कम होगी. फिच की हालिया रिपोर्ट में भी कहा गया है कि 2018 में इन्‍वेंट्री में गिरावट आएगी, क्‍योंकि डेवलपर्स रेरा के नियमों के अनुरूप प्रोजेक्‍ट पूरा करने पर अधिक फोकस कर रहे हैं.

बजट में ही था इस टैक्‍स का संकेत

इस साल के बजट में ही इस बात का संकेत दे दिया गया था कि अगर किसी अपार्टमेंट या फ्लैट को एक साल से अधिक होल्‍ड पर रखा जाता है तो उस पर टैक्‍स लगाया जा सकता है.

लंबे समय में नकारात्‍मक असर भी

एक्‍सपर्ट प्रदीप मिश्रा के अनुसार, सरकार के इस कदम से कोई शक नहीं कि बिल्‍डर्स आनन-फानन में अपने प्रोजेक्‍ट की बिक्री करने की कोशिश करेंगे, लेकिन इसके कारण बाद में वे काफी सोच-समझकर ही प्रोजेक्‍ट शुरू करना चाहेंगे, जिसका असर आने वाले वर्षों में प्रोजेक्‍ट की उपलब्‍धता पर होगी. इससे वे प्रोजेक्‍ट की कॉस्‍ट पहले से भी बढ़ा सकते हैं, ताकि इस टैक्‍स का खास असर उन पर नहीं पड़े.

(साभार- न्यूज 18)