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जानिए मार्केट रेगुलेटर सेबी पर क्यों हो सकता है मुकदमा?

वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया पर कंपनियों के नतीजे सार्वजनिक होने की जांच कर रहा सेबी खुद मुकदमों में फंस सकता है

FP Staff

साल के अंत में कॉरपोरेट जगत में खूब गहमागहमी मची हुई है. मार्केट रेगुलेटर सेबी लगातार छापे मार रहा है. उसे शक है कि कंपनियों के नतीजे सार्वजनिक होने से पहले ही बाजार से जुड़े कुछ लोग सोशल मीडिया चैटरूम्स पर फैला रहे हैं.

तो क्या सेबी की मुश्किल बस इतनी है? चार वकीलों के मुताबिक, तमाम कोशिशों के बाद सेबी को किसी भी मामले में कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. सेबी के दर्जनों अधिकारियों ने 22 दिसंबर को ब्रोकर्स के घर और दफ्तरों पर छापे मारे. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इस कार्रवाई में 30 ब्रोकरों को टारगेट किया गया था. सेबी ने अपने छापे में बहीखाता सहित कई दस्तावेज जब्त किए थे.


क्या है सेबी की मुश्किल?

रॉयर्टर्स को दिए इंटरव्यू में वकीलों ने कहा, 'इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जब्त करने के मामले में अगर सेबी को चुनौती दी जाती है तो वह फिजिकल दस्तावेज को अपने पक्ष में पेश कर सकता है.' वकीलों का कहना है कि सेबी के पास किसी के व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउंट चेक करने का अधिकार नहीं है. उनका कहना है कि उन्हें किसी ऐसे कानून की जानकारी नहीं है, जिसके तहत सेबी किसी का व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउंट और उसका पासवर्ड जबरन ले सके.

इसका मतलब यह है कि रेगुलेटर सिर्फ बहीखाता, रजिस्टर और दूसरे दस्तावेजों के आधार पर ही अपना केस बनाना होगा. कंपनियों के नतीजे वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया चैटरूम्स पर जारी किए जा रहे हैं, लेकिन किसी के पर्सनल वॉट्सऐप एकाउंट चेक करने का अधिकार सेबी के पास नहीं है.

क्या हैं सेबी के अधिकार

हालांकि इस मामले में सेबी को भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं आया है. सेबी के एक सीनियर अधिकारी ने भरोसे से कहा, जांच के लिए आए किसी भी केस में रेगुलेटर अपना पक्ष बेहतर ढंग से रख सकेगा.

नाम जाहिर न करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, 'हमारे पास पर्याप्त अधिकार हैं. अगर ये जांच करना हमारे अधिकार में नहीं होगा तो हम संशोधन करके इसे मजबूत करेंगे.'