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'मेक इन इंडिया' को झटका: भारत नहीं चीन में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बनाएगी टेस्ला

मेक इन इंडिया के नियमों की गुत्थी में उलझे टेस्ला ने चीन में प्लांट बनाने का फैसला कर लिया है

FP Staff

मोदी सरकार के 'मेक इन इंडिया' मुहिम को बड़ा झटका दिया है. टेस्ला अब अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट चीन के शंघाई में बनाएगा. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला चीन में पूर्ण रुप से खुद प्लांट बनाने वाली पहली कंपनी होगी. भारत सरकार और टेस्ला के बीच भारत में पहला ओवरसीज प्लांट खोलने की बातचीत चल रही थी, लेकिन मेक इन इंडिया के नियमों की गुत्थी में उलझे टेस्ला ने चीन में प्लांट बनाने का फैसला कर लिया है.

मस्क ने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की पेशकश की थी


प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान टेस्ला फैक्ट्री का दौरा किया था. उस दौरान टेस्ला प्रमुख एलन मस्क ने कहा था कि भारत संभावनाओं का देश है. एलन मस्क ने भारत के 2030 तक सभी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक करने के मिशन की तारीफ भी की थी और भारत में अपना बड़ा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की पेशकश की थी.

30 प्रतिशथ कल-पुर्जे भारत से ही लेने होंगे

टेस्ला भारत में प्लांट लगाने के लिए पूरी तरह तैयार था लेकिन भारत सरकार मेक इन इंडिया कार्यक्रम की उस शर्त पर अड़ी रही जिसके मुताबिक विदेशी कंपनी अगर भारत में अपना प्लांट लगाती है तो उसे 30 प्रतिशथ कल-पुर्जे भारत से ही लेने होंगे. भारत के लिए टेस्ला का यह प्लांट बहुत जरूरी था, क्योंकि भारत तेल से चलने वाली गाड़ियों से अपनी निर्भरता खत्म कर क्लीन इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलाना चाहता है. जिससे पापुलेशन भी कम होगा.

उत्पादन संयंत्र शंघाई के फ्री-ट्रेड क्षेत्र में बनेगा

अज्ञात सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी का यह उत्पादन संयंत्र शंघाई के फ्री-ट्रेड क्षेत्र में बनेगा. इससे टेस्ला को चीन में अपनी कारों की कीमत कम करने की सहूलियत मिल सकती है. वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, फ्री-ट्रेड क्षेत्र में बनी टेस्ला की हर कार पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क की बचत होगी. हालांकि इस संबंध में टेस्ला या शंघाई सरकार के प्रतिनिधि अभी कॉमेंट के लिए उपलब्ध नहीं हो सके.