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बीएन शर्मा को सरकार ने बनाया मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण का अध्यक्ष

राजस्थान कैडर के अधिकारी शर्मा फिलहाल वित्त मंत्रालय में अपर सचिव हैं

FP Staff

केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत नवगठित राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण (नेशनल एंटी-प्रॉफिटिंग अथॉरिटी) के अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी है.

मंगलवार को सरकार ने 1985 बैच के आईएएस अधिकारी बीएन शर्मा को इसका पहला अध्यक्ष नियुक्त किया है. राजस्थान कैडर के अधिकारी शर्मा फिलहाल वित्त मंत्रालय में अपर सचिव हैं. कैबिनेट की अप्वाइंटमेंट कमिटी ने शर्मा के नाम की मंजूरी दी.


नवंबर महीने की 17 तारीख को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीएसटी व्यवस्था के तहत राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दी थी. इस प्राधिकरण के गठन के पीछे मकसद नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में घटी दरों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाना है.

केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया था कि अब सिर्फ 50 ऐसी वस्तुएं जीएसटी की 28 फीसदी के टैक्स स्लैब में रह गई हैं. वहीं, कई वस्तुओं पर कर की दर को घटाकर पांच फीसदी किया गया है.

प्रसाद के अनुसार, राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण देश के उपभोक्ताओं के लिए एक विश्वास है. यदि किसी ग्राहक को लगता है कि उसे घटी कर दर का लाभ नहीं मिल रहा है, तो वह प्राधिकरण में इसकी शिकायत कर सकता है. तय कीमत से अधिक रेट पर जीएसटी लेने वालों के खिलाफ यह प्राधिकरण कार्रवाई भी करेगा.