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1992 सिक्योरिटीज घोटाले में बैंक अधिकारियों समेत पांच को सजा का ऐलान

जिन लोगों को दोषी ठहराया गया है उन्होंने गलत ट्रांजेक्शन के लिए अवैध सिक्योरिटीज रसीद जारी किए और बदले में कर्ज देने वालों को ये बॉन्ड रसीद देकर गलत घोषणा की

FP Staff

मुंबई के एक स्पेशल कोर्ट ने 1992 सिक्योरिटीज घोटाले में 5 लोगों को दोषी ठहराते हुए सजा का ऐलान कर दिया है. इस घोटाला मामले में बैंक के सीनियर अधिकारी भी शामिल हैं.

बैंक के जिन अधिकारियों को सजा सुनाई गई उनमें फाइनेंशियल फेयरग्रोथ सर्विसेज लिमिटेड (एफएफएसएल) के आर. लक्ष्मीनारायण और एस. श्रीनिवास, आंध्र बैंक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एबीएफएसएल) के थेरियन चाको, वाई सुंदरा बाबू और आर. कल्याण रमन के नाम हैं. जस्टिस शालिनी फंसाल्कर जोशी ने यह फैसला सुनाया.


के आर. लक्ष्मीनारायण और एस. श्रीनिवास को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है, तो थेरियन चाको, वाई सुंदरा बाबू और आर. कल्याण रमन को चार साल जेल की सजा हुई है.

स्पेशल कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘उन्होंने (दोषी) जुलाई 1991 और मई 1992 के बीच जानबूझकर एफएफएसएल और एबीएफएसएल के बीच फर्जी ट्रांजेक्शन को अंजाम दिया.’

प्राइवेट कंपनी एफएफएसएल को कैश की काफी कमी हो गई थी और उसे ज्यादा पैसे की जरूरत थी. ऐसे में एबीएफएसएल ने बैंकों से उधार लेना शुरू कर दिया.

जिन लोगों को दोषी ठहराया गया है उन्होंने गलत ट्रांजेक्शन के लिए अवैध सिक्योरिटी रसीद जारी किए और बदले में कर्ज देने वालों को ये सिक्योरिटी रसीद देकर गलत घोषणा की. ये रसीद उन सिक्योरिटी और शेयर के बदले में जारी किए गए थे जो एफएफएसएल के पास नहीं थे.

अदालत ने एफएफएसएल के दो अन्य अधिकारियों गोपाल शंकर अय्यर और पी चंद्रशेखर और शेयर दलाल पल्लव सेठ को बरी कर दिया.