एक तरफ केंद्र की बीजेपी की सरकार कालेधन के मुद्दे पर नोटबंदी को सही ठहराते नहीं थक रही है. वहीं दूसरी तरफ मार्केट रेगुलेटर ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी की एचयूएफ (हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली) पर संदिग्ध लेनदेन (मैनिपुलेटिव ट्रेड्स) करने का आरोप लगाया है. रूपानी के एचयूएफ ने सारंग केमिकल्स में मैनिपुलेटिव ट्रेड्स किए हैं. सेबी ने रूपानी के एचयूएफ पर 15 लाख रुपए का फाइन ठोका है. रूपानी के अलावा 22 अन्य कंपनियों को सेबी ने दोषी पाया है.
कब हुए हैं ये लेनदेन
रूपानी के एचयूएफ ने जनवरी 2011 से लेकर जून 2011 के बीच ये ट्रेड्स किए हैं. अगस्त 2016 में रूपानी गुजरात के सीएम बने हैं. एचयूएफ के मायने उस तरह की कंपनी से है जब एक परिवार मिलकर कोई कंपनी चलाता है. आसान शब्दों में कहें तो यह पार्टनरशिप फर्म है. नियम के मुताबिक एचयूएफ को टैक्स नियमों से कुछ छूट मिलती है. मई 2016 में सेबी ने प्रोहिबिटेशन ऑफ फ्रॉडुलेंट एंड अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज (पीएफयूटीपी) के तहत 22 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.