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RBI से पैसे मांगने के सवाल पर सरकार की सफाई- मीडिया में चल रही है गलत जानकारी

सरकार ने कहा है कि वह भारतीय रिजर्व बैंक से 3.6 लाख करोड़ रुपए की पूंजी की कोई मांग नहीं कर रही है

Bhasha

आरबीआई से 3.6 लाख करोड़ रुपए मांगने पर सरकार की तरफ से सफाई जारी कर कहा गया है कि मीडिया में गलत जानकारी चल रही है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि वह भारतीय रिजर्व बैंक से 3.6 लाख करोड़ रुपए की पूंजी की मांग नहीं कर रही है बल्कि वह केवल केंद्रीय बैंक की आर्थिक पूंजी व्यवस्था तय करने के बारे में चर्चा कर रही है.

वित्त मंत्रालय में सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा, 'मीडिया में गलत जानकारी वाली तमाम अटकलबाजियां जारी हैं. सरकार का राजकोषीय हिसाब-किताब बिल्कुल सही चल रहा है. अटकलबाजियों के विपरीत सरकार का आरबीआई से 3.6 लाख करोड़ या एक लाख करोड़ रुपए मांगने का कोई प्रस्ताव नहीं है.' गर्ग ने कहा कि इस समय, 'केवल एक प्रस्ताव पर ही चर्चा चल रही है और वह रिजर्व बैंक की आर्थिक पूंजी की व्यवस्था तय करने की चर्चा है.'


आर्थिक मामलों के सचिव ने विश्वास जताया कि सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.3 फीसदी तक सीमित रखने के बजट में तय लक्ष्य के भीतर बनाए रखने में कामयाब होगी. गर्ग ने कहा कि सरकार का राजकोषीय हिसाब-किताब ठीक चल रहा है.' उन्होंने कहा , 'साल 2013-14 में सरकार का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.1 फीसदी के बराबर था. उसके बाद से सरकार इसमें लगातार कमी करती आ रही है. हम वित्त वर्ष 2018-19 के अंत में राजकोषीय घाटे को 3.3 तक सीमित कर देंगे.'

उन्होंने राजकोषीय लक्ष्यों को लेकर अटकलों को खारिज करते हुए कहा, 'सरकार ने दरअसल बजट में इस साल बाजार से कर्ज जुटाने का जो अनुमान रखा था उसमें 70000 करोड़ रुपए की कमी स्वयं ही कम कर दी है.'