view all

स्टेट बैंक के नए चेयरमैन के इस कदम से डूबे कर्ज की वसूली होगी!

एनपीए के मुद्दे को देखने के लिए बैंक के नए नियुक्त किए गए चेयरमैन ने अलग से एक विभाग का गठन किया है

Bhasha

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नए चेयरमैन रजनीश कुमार ने डूबे हुए कर्ज (एनपीए) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद एक विभाग का गठन किया है. यह विभाग विशेष रूप से एनपीए के मुद्दे को देखेगा. देश के सबसे बड़े बैंक को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए शीर्ष और मध्यम प्रबंधन स्तर पर फेरबदल किया जा रहा है.

बीते शनिवार को रजनीश कुमार ने एसबीआई के 25वें चेयरमैन के रूप में पदभार संभाला था. उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा. कुमार ने कई कारोबारी विभागों में फेरबदल किया है. इन विभागों के प्रमुख पूर्णकालिक निदेशक हैं.


रजनीश कुमार ने 7 अक्तूबर को एक आंतरिक पत्र में कहा कि सक्षम प्राधिकरण ने बैंक के शीर्ष सांगठनिक ढांचे के पुनर्गठन का फैसला किया है. इसका मकसद दक्ष नियंत्रण को बढ़ाना है. साथ ही इसका उद्देश्य घरेलू कारोबार और परिचालन का विस्तार, बेहतर तालमेल और एनपीए की वसूली के लिए अधिक बेहतर तरीके से प्रयास करना है.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन रजनीश कुमार

बढ़ते एनपीए के मद्देनजर कुमार ने दबाव वाली संपत्ति के निपटान समूह के रूप में एक नया विभाग बनाया है जिसके प्रमुख प्रबंध निदेशक होंगे. अभी तक इस विभाग की अगुवाई करने वाले प्रबंध निदेशक का नाम घोषित नहीं किया गया है.

जून में खत्म हुए तिमाही में एसबीआई का सकल एनपीए 7.40 फीसदी से बढ़कर 9.97 फीसदी पर पहुंच गया है. वहीं शुद्ध एनपीए 4.36 फीसदी से बढ़कर 5.97 फीसदी हो गया. खुदरा एनपीए 1.56 फीसदी बढ़कर 7,632 करोड़ रुपए हो गया. वहीं कृषि क्षेत्र का एनपीए 9.51 फीसदी बढ़कर 17,988 करोड़ रुपए हो गया.

फेरबदल के तहत बी श्रीराम को प्रबंध निदेशक (कारपोरेट और वर्ल्ड बैंकिंग) बनाया गया है. अभी तक वह कॉरपोरेट बैंकिंग समूह के प्रमुख थे.

नए विभाग के लिए प्रबंध निदेशक की नियुक्ति होने तक श्रीराम एनपीए निपटान समूह विभाग का कामकाज भी देखेंगे.