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बचत खातों का मिनिमम बैलेंस 5000 रुपए से घटा सकता है SBI

एसबीआई का मैनेजमेंट वरिष्ठ नागरिकों और स्टूडेंट्स को मिनिमम बैलेंस की शर्त से छूट दे सकता है

Bhasha

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने कुछ दिनों पहले बचत खातों में औसतन 5,000 रुपए खातों में रखना अनिवार्य कर दिया था. इससे पहले मिनिमम बैलेंस 1,000 रुपए था. मिनिमम बैलेंस बढ़ने के बाद ग्राहकों में नाराजगी है.

ग्राहकों की प्रतिक्रियाएं आने के बाद बैंक ने कहा है कि वह अपने इस फैसले की समीक्षा करेगा. एसबीआई के एमडी (राष्ट्रीय बैंकिंग समूह) रजनीश कुमार ने कहा, ‘हमें इस बारे में ग्राहकों की प्रतिक्रियाएं मिली हैं. हम उनकी समीक्षा करेंगे और सही फैसला लेंगे.’


किसे मिल सकता है फायदा?

कुमार ने आगे कहा, ‘हम विचार कर रहे हैं कि क्या वरिष्ठ नागरिकों या स्टूडेंट्स को मिनिमम बैलेंस में छूट देना चाहिए या नहीं. कोई भी शुल्क पत्थर की लकीर नहीं है.'

एसबीआई ने पांच साल बाद अप्रैल, 2017 में एवरेज मिनिमम बैलेंस मेंटेन ना करने पर चार्ज लगाने का फैसला किया था. हर महीने एवरेज 5,000 रुपए खाते में मेंटेन नहीं करने पर एसबीआई 100 रुपए तक शुल्क लगा रहा है. इसके अलावा ग्राहकों को जीएसटी भी चुकाना पड़ता है.

कितना को मिनिमम बैलेंस?

शहरी इलाकों में हर महीने एवरेज बैलेंस 5,000 रुपए तय किया गया है. इसके 50 फीसदी तक कम होने पर 50 रुपए और 75 फीसदी कम होने पर 100 रुपए जीएसटी का प्रावधान है. इस चार्ज पर ग्राहकों को पेनल्टी भी चुकानी पड़ सकती है.

ग्रामीण इलाकों में बैंक ने थोड़ी छूट दी है. गांवों में एसबीआई के बचत खातों के लिए मासिक औसत 1,000 रुपए तय हुआ है. यह बैलेंस बरकरार नहीं रखने पर 20 से 50 रुपए प्लस जीएसटी चुकानी पड़ सकती है.

इनको मिनिमम बैलेंस से छूट 

कुमार ने कहा कि बैंक के पास 40 करोड़ से अधिक बचत खाते हैं. इनमें से 13 करोड़ बैंक खाते बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट या प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत हैं. इन दोनों खातों को मासिक औसत बैलेंस की शर्त से बाहर रखा गया था. उन्होंने कहा कि बाकी 27 करोड़ खाताधारकों में से 15-20 प्रतिशत मासिक औसत बैलेंस मेंटेन नहीं करते हैं. बैंक ने मई महीने के लिए मासिक औसत बैलेंस की शर्त को लेकर 235 करोड़ रुपए का शुल्क वसूला था.