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23 पैसे की गिरावट के साथ अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा रुपया

शुरू में रुपया बुधवार के बंद स्तर 70.59 प्रति डॉलर की तुलना में कुछ मजबूती के साथ 70.57 प्रति डॉलर पर खुला. लेकिन जल्द ही यह नए रिकॉर्ड निचले स्तर 70.82 प्रति डॉलर पर आ गया

FP Staff

डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहा. गुरुवार यानी 30 अगस्त को शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 23 पैसे की गिरावट के साथ 70.82 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया. महीने के अंत की डॉलर मांग और विदेशी कोषों की निकासी से रुपए में गिरावट आई.

हालांकि, शुरू में रुपया बुधवार के बंद स्तर 70.59 प्रति डॉलर की तुलना में कुछ मजबूती के साथ 70.57 प्रति डॉलर पर खुला. लेकिन जल्द ही यह नए रिकॉर्ड निचले स्तर 70.82 प्रति डॉलर पर आ गया.

क्यों कमजोर हुआ रुपया

फॉरेक्स डीलरों ने कहा कि आयातकों और तेल रिफाइनरी कंपनियों की डॉलर मांग और विदेशी कोषों द्वारा पूंजी निकालने से रुपया दबाव में आ गया. इसके अलावा विदेशी बाजारों में अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती से भी रुपए की धारणा प्रभावित हुई.

इससे पहेल बुधवार को भी रुपया में 42 पैसे की गिरावट दर्ज की गई थी जिसके बाद ये 70.52 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया था. कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती से भी रुपया प्रभावित हुआ है.

रुपए में आई गिरावट पर क्या बोले रघुराम राजन?

रुपए में लगातार हो रही गिरावट पर हाल ही में रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था रुपए कि विनिमय दर में गिरावट से अभी कोई चिंताजनक स्थित नहीं पैदा हुई है पर सरकार को बढ़ते चालू खाते के घाटे (करेंट अकाउंट डेफिसिट) पर ध्यान रखना होगा.

नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने भी कहा था कि रुपए की विनिमय दर में गिरावट वृहत आर्थिक नजरिए से चिंताजनक नहीं है और यह काफी समय से लंबित था. उन्होंने कहा कि उच्च विनिमय दर से देश के निर्यात को नुकसान हुआ है. पनगढ़िया ने आगे कहा कि देश का वृहत आर्थिक प्रबंधन मजबूत है और चिंता का कोई कारण नहीं है.

(भाषा से इनपुट)