रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करने के इरादे से कहा कि वह डेबिट कार्ड के जरिए भुगतान पर दुकानदारों द्वारा काटा जाने वाला शुल्क यानी मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) के बारे में जल्दी ही अंतिम दिशानिर्देश जारी करेगा. आरबीआई को उम्मीद है कि इससे व्यापारियों का दायरा बढ़ेगा. डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने ये बड़ा एलान किया है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने गुरुवार को 2017-18 के लिए पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि चूंकि अंतिम दिशानिर्देश अभी नहीं आया है, ऐसे में एमडीआर शुल्क के लिये मौजूदा नियम 31 मार्च के बाद भी जारी रहेंगे.
मौजूदा दिशानिर्देश के तहत डेबिट कार्ड के जरिए भुगतान के लिए 1000 रुपए तक के भुगतान पर एमडीआर 0.25 प्रतिशत और 1,000 से 2,000 रुपए तक के भुगतान के लिये 0.5 प्रतिशत निर्धारित है. 2,000 रुपए के भुगतान पर 0.75 प्रतिशत एमडीआर लगता है. 2000 से अधिक के भुगतान के लिए यह शुल्क एक प्रतिशत है.
जल्द ही तय होगी एमडीआर की नई दरें
हालांकि क्रेडिट कार्ड के जरिए भुगतान पर एमडीआर को लेकर कोई सीमा नहीं है.
आरबीआई ने 16 फरवरी को डेबिट कार्ड भुगतान के लिये एमडीआर को युक्तिसंगत बनाने को लेकर मसौदा सर्कुलर जारी किया.
उन्होंने कहा, ‘सरकार, बैंक, कार्ड नेटवर्क तथा इंडिया बैंक एसोसिएशन, पेमेंट काउंसिल आफ इंडिया, निजी इकाइयों समेत विभिन्न पक्षों से व्यापक प्रतिक्रिया मिली है. फिलहाल हम उसको देख रहे हैं. जबतक अंतिम दिशानिर्देश जारी नहीं होता, डेबिट कार्ड लेन-देन के लिये एमडीआर पर मौजूदा निर्देश बना रहेगा.'
हालांकि मौद्रिक नीति दस्तावेज यह नहीं बताया गया है कि एमडीआर शुल्क पर अंतिम दिशानिर्देश कब आएगा.