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RBI गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे की अफवाह के बीच बोर्ड की अहम बैठक आज

इस बैठक के बारे में आलोचकों का कहना है कि यह कदम दिखाता है कि सरकार और रिजर्व बैंक के बीच तनाव है और सूत्रों के मुताबिक बीच का रास्ता खोजा जा रहा है

FP Staff

भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड की अहम बैठक आज होने वाली है. यह बैठक ऐसे मौके पर हो रही है जब सरकार ने देश के केंद्रीय बैंक की कड़ी निगरानी को सक्षम बनाने के लिए नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है. न्यूज 18 की खबर के अनुसार इस बैठक के बारे में आलोचकों का कहना है कि आरबीआई में सरकार के आदमी बैठे हैं. यह कदम यह दिखाता है कि सरकार और रिजर्व बैंक के बीच तनाव है और सूत्रों के मुताबिक बीच का रास्ता खोजा जा रहा है. बता दें कि पहले खबरें आ रही थीं कि आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल अपने पद से इस्तीफा दे देंगे, लेकिन सूत्रों की मानें तो पटेल अपने पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं.

दोनों पक्ष कुछ मुद्दों पर आपसी सहमति पर पहुंच सकते हैं


प्राप्त जानकारी के अनुसार रिजर्व बैंक और सरकार के बीच जारी खींचतान पर सोमवार को होने वाली बैठक में विराम लग सकता है. सूत्रों का कहना है कि सोमवार को रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की होने वाली बैठक में दोनों पक्ष कुछ मुद्दों पर आपसी सहमति पर पहुंचने के पक्ष में हैं. बैठक में वित्त मंत्रालय के नामित निदेशक और कुछ स्वतंत्र निदेशक गवर्नर उर्जित पटेल और उनकी टीम पर एमएसएमई को कर्ज से लेकर केंद्र बैंक के पास उपलब्ध कोष को लेकर अपनी बात रख सकते हैं. रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल भी इस्तीफे का कुछ वर्गों के दबाव के बावजूद इस्तीफा देने के बजाय बैठक में केंद्रीय बैंक की नीतियों का मजबूती से पक्ष रख सकते हैं.

गवर्नर पटेल के साथ और चार डिप्टी गवर्नर संयुक्त पक्ष रखेंगे

उर्जित पटेल बैठक में एनपीए को लेकर कड़ी नीतियों का बचाव कर सकते हैं. सूत्रों के अनुसार एनपीए के प्रावधानों को लेकर गवर्नर पटेल के साथ और चार डिप्टी गवर्नर संयुक्त पक्ष रखेंगे और इन्हें कुछ स्वतंत्र निदेशकों का समर्थन मिलने का भी अनुमान है. सूत्रों ने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक बैंकों में पीसीए की रूपरेखा तथा एमएसएमई क्षेत्र को ऋण देने के प्रावधानों में ढील को लेकर आपसी सहमति से किसी समाधान पर पहुंचने के पक्ष में हैं. साथ ही सूत्रों का कहना है, यदि इस बैठक में सहमति नहीं भी बन पाई तो अगले कुछ सप्ताह में त्वरित सुधारात्मक कदम पर सहमति बन जाएगी. इसके तहत कुछ बैंक चालू वित्त वर्ष के अंत तक इस रूपरेखा ढांचे के दायरे से बाहर आ सकते हैं. वहीं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड की बैठक ट्वीट कर अपना बयान जारी किया है.