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पीएम और वित्तमंत्री की बैठक: नोटबंदी और GST पर हो सकती है चर्चा

पीएम मोदी के कार्यकाल को दो साल पूरे होने वाले हैं, ऐसे में उनके लिए जरूरी है कि वो गिरती अर्थव्यस्था के सुधार के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं.

FP Staff

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम वित्तमंत्री अरुण जेटली के साथ खास बैठक करने वाले हैं. इस बैठक में कुछ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. ये बैठक काफी अहम है. पिछले दिनों भारतीय अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाए गए हैं. आवाजें अंदर से उठी हैं. पीएम मोदी के कार्यकाल को दो साल पूरे होने वाले हैं, ऐसे में उनके लिए जरूरी है कि वो इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जाएं.

पीएम और वित्त मंत्री की ये मीटिंग इसी वक्त में बुलाई जा रही है. इस मीटिंग में अर्थव्यवस्था के सुधार की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी.


जीएसटी और नोटबंदी पर चर्चा

माना जा रहा है कि बैठक में जीएसटी और नोटबंदी पर चर्चा की जाएगी. जीएसटी लागू करने के साथ हो रही कठिनाइयों, नोटबंदी के बाद के प्रभाव और वित्तीय वहन जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. इसमें प्रत्यक्ष और परोक्ष कर संग्रह के साथ-साथ साल के अनुमान को भी प्रधानमंत्री के सामने पेश किया जा सकता है.

देश की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वक्त से बिखरी-बिखरी सी है. जीडीपी की दर में गिरावट आई है, नए रोजगार बनने के बजाए घट गए हैं, किसानों में असंतुष्टि है, निवेश की स्थिति भी कमजोर ही है. पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के बाद अब बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कह दिया है देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हालत में है और अगर जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो बुरी तरह ढह सकती है.

जीडीपी में आई गिरावट ने बढ़ाई मुश्किलें

मौजूदा वित्त वर्ष की तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. अप्रैल-जून 2017 में भारतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी ग्रोथ 5.7 फीसदी रही है, जबकि अप्रैल-जून 2016 की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी ग्रोथ 7.9 थी. इसके अलावा जनवरी-मार्च में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी रही थी.

क्या लंबी मंदी की आशंका सही साबित होगी?

अप्रैल-जून की जीडीपी ग्रोथ की दर (5.7 फीसदी) तीन सालों की सबसे कम ग्रोथ है. विशेषज्ञ जीडीपी की गिरावट के लिए नोटबंदी को एक बड़ी वजह मानते हैं. वैसे जीएसटी को भी इस गिरावट की एक वजह माना जा रहा है. सरकार को इस बात की बड़ी फिक्र इसलिए भी है क्योंकि अर्थशास्त्रियों ने आगे एक लंबी मंदी की आशंका जताई है.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कमजोर अर्थव्यस्था पर फिर केंद्र सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि 'नोटबंदी और जीएसटी ने जीडीपी ग्रोथ पर प्रभाव डाला है. बाजार से 86 प्रतिशत करेंसी को वापस ले लेना, जीएसटी को जल्दबाजी में लागू कर देना, ऐसे कदम थे जिनमें बहुत सी कमियां थीं और अब इसके नतीजे जीडीपी की गिरावट के साथ दिखाई दे रहे हैं.'