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ONGC की अगले चार साल में तेल, गैस उत्पादन बढ़ाने की योजना

भारत ने 2005-06 से 2015-16 के दौरान कच्चे तेल के आयात पर करीब 1,000 अरब डालर खर्च किया है

Bhasha

सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एवं नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) की अगले चार साल में प्राकृतिक गैस उत्पादन करीब दोगुना कर 42 अरब घन मीटर और कच्चे तेल का उत्पादन 2.7 करोड़ टन पर पहुंचाने की योजना है. कंपनी इसके लिए नई खोज से उत्पादन बढ़ाने के लिए अरबों डॉलर निवेश कर रही है.

देश की इस सबसे बड़ी तेल एवं गैस उत्पादक कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शशि शंकर ने कहा है कि कंपनी 35 बड़ी परियोजनाओं में 92,000 करोड़ रुपए निवेश कर रही है. इसमें 14 नई खोज तथा छह पुराने क्षेत्रों में किए गए सुधार वाले फील्ड शमिल हैं.


कंपनी ने प्राकृतिक गैस उत्पादन मौजूदा 22 अरब घन मीटर से 2021-22 तक 42 अरब घन मीटर करने का लक्ष्य रखा है. पिछले महीने ओएनजीसी के चेयरमैन का पदभार संभालने वाले शंकर ने देर शाम संवाददाताओं से बातचीत में कच्चे तेल के बारे में कहा, ‘कुल उत्पादन में करीब 70 प्रतिशत तेल उत्पादन पुराने कुंओं से हो रहा है. मेरी प्राथमिक चुनौती उत्पादन को बढ़ाना है.’

उन्होंने कहा कि कंपनी ने कच्चे तेल का उत्पादन 2016-17 में 2.22 करोड़ टन से बढ़ाकर 2021-22 में 2.7 करोड़ टन करने का लक्ष्य रखा है. कंपनी ने जो रूपरेखा बनाई है, उसके तहत चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़कर 2.3 करोड़ टन, 2018-19 में 2.36 करोड़ टन, 2019-20 में 2.43 करोड़ टन और 2020-21 में 2.64 करोड़ टन तथा 2021-22 में 2.7 करोड़ टन उत्पादन का लक्ष्य है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले 2013-14 के स्तर से कच्चे तेल की आयात पर निर्भरता में 10 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य रखा है. उस समय कच्चे तेल का आयात कुल जरूरत का 77 प्रतिशत था.

प्राकृतिक गैस की कीमत भी एक चुनौती है

भारत ने 2005-06 से 2015-16 के दौरान कच्चे तेल के आयात पर करीब 1,000 अरब डालर खर्च किया है.

चेयरमैन और प्रबंध निदेशक बनने के बाद पहली बार संवाददाताओं से बातचीत में ओएनजीसी प्रमुख ने यह भी कहा कि कंपनी कृष्णा गोदावरी बेसिन स्थित केजी-डीडब्ल्यूएन- 98:2 के विकास में 5 अरब डॉलर निवेश कर रही है. इस क्षेत्र से उत्पादन 2020 में शुरू होने की संभावना है. इससे तेल सर्वाधिक 78,069 बैरल प्रतिदिन और गैस 1.66 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन उत्पादन होने की संभावना है.

चुनौतियों के बारे में शंकर ने कहा, ‘घरेलू उत्पादन बढ़ाने, क्रियान्वधीन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की चुनौती है. साथ ही प्राकृतिक गैस की कीमत भी एक चुनौती है क्योंकि 2.89 डालर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट का मूल्य कम है. लागत वसूली और उपयुक्त रिटर्न को लेकर 4.5 डालर प्रति यूनिट की जरूरत है.’ उन्होंने कहा, ‘हमने सरकार के समक्ष इस बारे में अपनी बातें रखी है. हम इस मामले में प्रगति की उम्मीद कर रहे हैं.’