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ONGC, केयर्न इंडिया ने 41 तेल और गैस क्षेत्रों के लिए लगाई बोली

रूचि पत्र जमा करने की अंतिम तिथि बुधवार थी. सफल बोलीदाताओं की घोषणा एक जनवरी तक की जाएगी

Bhasha

सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी तथा निजी क्षेत्र की वेदांता लि. तेल और गैस ब्लॉक के लिए सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी है. तेल और गैस ब्लॉक की खुला क्षेत्र लाइसेंस व्यवस्था के तहत नीलामी में प्राप्त 56 बोली में से 41 बोलियां इन दोनों से मिलीं हैं.

मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) ने 41 क्षेत्रों के लिए जबकि वेदांता की कंपनी केयर्न इंडिया ने 15 क्षेत्रों के लिए बोली लगाई.


हिंदुस्तान ऑयल एक्सप्लोरेशन कंपनी (HOEC) ने एक क्षेत्र के लिए बोली लगाई. वहीं नामी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज इससे दूर रही.

सरकार ने जुलाई में तेल और गैस खोज के लिए 28 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र के अवसादी बेसिन को खोला. इस पहल का मकसद घरेलू उत्पादन बढ़ाना और आयात पर निर्भरता में कमी लाना है.

ऑयल इंडिया लि. अन्य मुख्य बोलीदाता है

खुला क्षेत्र लाइसेंस व्यवस्था कंपनियों को तेल और गैस उत्पादन की संभावना तलाशने के लिए भूकंप संबंधी आंकड़ों के अध्ययन के ब्लॉक या क्षेत्र चुनने की अनुमति देती है. पहले दौर की बोली बुधवार को बंद हुई.

सूत्र ने कहा कि कुल मिलाकर 56 रूचि पत्र मिले हैं. ऑयल इंडिया लि. अन्य मुख्य बोलीदाता है. अन्य छोटी कंपनियां हैं.

नई व्यवस्था यानी खुला क्षेत्र लाइसेंस व्यवस्था पुरानी प्रणाली का स्थान लिया है. पुरानी प्रणाली में सरकार क्षेत्र निर्धारित करती और उसके लिए बोली आमंत्रित करती थी. नई व्यवस्था में निवेशकों को अपना स्वयं का क्षेत्र निर्धारित करने की अनुमति होती है. एक बार एक क्षेत्र के रूचि पत्र आने के बाद उसे प्रतिस्पर्धी बोली के लिए रखा जाता है. इसमें जो भी कंपनी सरकार को तेल और गैस में अधिकतम हिस्सेदारी की पेशकश करती है, उसे ब्लॉक आवंटित किया जाता है.

रूचि पत्र जमा करने की अंतिम तिथि बुधवार थी. सफल बोलीदाताओं की घोषणा एक जनवरी तक की जाएगी.

खुला क्षेत्र लाइसेंस व्यवस्था की पेशकश हाइड्रोकार्बन खोज और लाइसेंसिंग नीति (एचईएलपी) के तहत की जा रही है. इसमें तेल एवं गैस ब्लाक की बोली के लिये आय हिस्सेदारी माडल उपलब्ध कराई जाती है. यह व्यवस्था उत्पादित तेल एवं गैस के लिये विपणन और कीमत में आजादी का वादा करती है.