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टाटा से अपनी विदाई के दो साल पूरे होने पर मिस्त्री ने की स्टार्टअप चेस्ट की घोषणा की

फोर्ब्स की 2018 की सूची के अनुसार मिस्त्री परिवार देश में चौथा सबसे अमीर परिवार है

Bhasha

अरबपति भाइयों साइरस और शापोर मिस्त्री ने स्टार्टअप कोष मिस्त्री वेंचर्स एलएलपी शुरू करने की घोषणा की है. यह कोष स्टार्टअप मैकेनिज्म की फाइनेंसिंग और विकास में मदद करेगा. टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए जाने के दो साल पूरे होने के मौके पर बुधवार को मिस्त्री ने इस कोष की घोषणा की.

नई कंपनी को साइरस और उनके बड़े भाई शापोर प्रमोट करेंगे. दोनों ही शापोरजी पल्लोनजी समूह के प्रवर्तक हैं जिसकी टाटा संस में 18.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है. चौथे सबसे अमीर भारतीयों (सामूहिक रूप से) द्वारा प्रवर्तित इस नए उपक्रम में नकदी की कमी नहीं रहेगी.


फोर्ब्स की 2018 की सूची के अनुसार मिस्त्री परिवार देश में चौथा सबसे अमीर परिवार है. इनकी कुल संपदा 18.7 अरब डॉलर की है. साइरस मिस्त्री कार्यालय ने बयान में कहा कि यह नया उद्यम कंपनियों को रणनीतिक ज्ञान और सलाह देगा. नए उपक्रमों के विकास में मदद करेगा और देश और विदेश के स्टार्टअप को शुरुआती पूंजी उपलब्ध कराएगा.

इरादा सकारात्मक सामाजिक प्रभाव के साथ मुनाफे का

समझा जाता है कि मिस्त्री बंधु इस नए उपक्रम में कई सौ करोड़ रुपए डालने को तैयार हैं. साइरस मिस्त्री व्यक्तिगत रूप से इसका कामकाज देखेंगे. बयान में कहा गया है कि आशीष अय्यर नई कंपनी के सीईओ होंगे. अय्यर इससे पहले बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप में वैश्विक लीडर रह चुके हैं.

बयान में साइरस मिस्त्री के हवाले से कहा गया है कि अय्यर विभिन्न क्षेत्रों की कई कंपनियों में काम कर चुके हैं और उनके पास विभिन्न चीजों मसलन रणनीति, गो टु मार्केट, डिजिटल और इनोवेशन का खासा अनुभव है और मैं उनको लेकर काफी रोमांचित हूं. मिस्त्री वेंचर्स के लिए अपने दृष्टिकोण का खुलासा करते हुए मिस्त्री ने कहा, ‘हमारा इरादा सकारात्मक सामाजिक प्रभाव के साथ मुनाफे का है. यह चीज हमारे द्वारा प्रवर्तित या हमारी भागीदारी वाले सभी उपक्रमों के साथ जुड़ी होगी.’

अपनी रुचि के क्षेत्रों का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि मिस्त्री वेंचर्स कंपनियों में निवेश करने तक सीमित नहीं रहेगी. कई प्रमुख वैश्विक और स्थानीय प्रवृत्ति की व्याख्या और उनके उद्योग और कंपनियों पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने के बाद हम उन कारोबार को आगे बढ़ने में मदद देंगे, भागीदारी करेंगे और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करेंगे. मिस्त्री ने कहा कि कंपनी स्टार्टअप्स की सहायता के लिए संरक्षण और उन्हें विशिष्ट प्रकार की क्षमता प्रदान करने में मदद करेगी. इससे स्टार्टअप्स को कारोबार के क्षेत्र में उचित रणनीति बनाने में मदद मिलेगी.

टाटा संस के निदेशक ने मिस्त्री को पद से कर दिया था बर्खास्त

गौरतलब है कि टाटा संस के निदेशक मंडल ने 24 अक्टूबर, 2016 को एक हैरान करने वाला कदम उठाते हुए मिस्त्री को चेयरमैन पद से बर्खास्त कर दिया था. वह दिसंबर, 2012 में टाटा संस के चेयरमैन बने थे. समूह के 150 साल के इतिहास में मिस्त्री चेयरमैन बनने वाले टाटा परिवार से बाहर के दूसरे व्यक्ति थे. उनके पहले 1934-38 के दौरान टाटा समूह से बाहर के नवरोजी सकलतवाला समूह के चेयरमैन थे.

मिस्त्री और टाटा दोनों ने एक दूसरे को अदालत में घसीटा है. मिस्त्री को चेयरमैन पद और टाटा की कंपनियों के निदेशक मंडल से हटाए जाने का मामला राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी), दिल्ली में लंबित है. इससे पहले राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने मिस्त्री की याचिकाओं को खारिज कर दिया था. एनसीएलएटी द्वारा इस पर 31 अक्टूबर को फैसला सुनाए जाने की उम्मीद है.