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नोटबंदी के 2 साल: वित्त मंत्री ने कहा-सिर्फ कैश जब्त कर लेना सरकार का उद्देश्य नहीं था

8 नवंबर 2016 को की गई नोटबंदी की दूसरी सालगिरह पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि 500 और 1000 के पुराने नोट बैन करने के पीछे मकसद अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करना था न कि बाजार में मौजूद कैश जब्त करना.

FP Staff

8 नवंबर 2016 को की गई नोटबंदी की दूसरी सालगिरह पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि 500 और 1000 के पुराने नोट बैन करने के पीछे मकसद अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करना था न कि बाजार में मौजूद कैश जब्त करना.

उन्होंने लिखा, ' नोटबंदी की गलत जानकारी से प्रेरित एक आलोचना है कि इसका लक्ष्य बाजार में मौजूद नकदी को जब्त करना था. जबकि बड़े रूप में इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करना और टैक्स देने के लिए प्रेरित करना था.'


वित्त मंत्री ने लिखा है कि अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों से नोटबंदी एक थी. अर्थव्यवस्था के पूरे सिस्टम को एक बार झिंझोड़ने की जरूरत थी जिससे बाजार में मौजूद कैश फ्लो को डिजिटल ट्रांजैक्शन्स में बदला जा सके.

वो लिखते हैं कि सरकार ने पहले विदेशों में मौजूद कालेधन को निशाने पर लिया. जिन लोगों का काला धन विदेशों में मौजूद था उनसे सरकार ने कहा कि पेनाल्टी टैक्स देकर इसे वापस लाया जा सकता है. जिन्होंने ऐसा नहीं किया उन पर ब्लैक मनी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है.

जेटली लिखते हैं कि नोटबंदी के प्रमुख उद्देश्य ये भी थे टैक्स पेयर्स की संख्या बढ़े और आर्थिक समावेषण ज्यादा से ज्यादा हो. जनधन खातों का लाभ ये हुआ कि बड़ी संख्या में लोग बैंकिंग सिस्टम से जुड़े. आधार पर कानून की वजह से सही लोगों तक सरकारी राहत पहुंचाने का रास्ता साफ हुआ.

गौरतलब है कि नोटबंदी में बैन किए गए नोटों में करीब 99 प्रतिशत वापस बैंकों के पास आ गए थे. 8 नवंबर 2016 के पहले करीब 15.41 लाख करोड़ रुपए के पांच सौ और हजार के नोट प्रचलन में थे जिनमें नोटबंदी के बाद 15.31 लाख करोड़ वापस आ गए.