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इंफोसिस के बोर्ड के रवैये से निराश हूं: नारायणमूर्ति

नारायणमूर्ति ने 20 करोड़ डॉलर के पनाया सौदा मामले में स्वतंत्र जांचकर्ताओं गिबसन, डन और क्रचर की पूरी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की थी

FP Staff

इंफोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने इस बात से निराशा जताई है कि 'खराब प्रबंधन' को लेकर पूछे गए उनके किसी भी सवाल का कंपनी के निदेशक मंडल ने ईमानदारी से जवाब नहीं दिया.

मूर्ति का यह बयान मंगलवार को इंफोसिस के चेयरमैन नंदन निलेकणि की अध्यक्षता वाले निदेशक मंडल के पनाया अधिग्रहण के बेदाग होने पर अपनी मुहर लगाने के बाद आया है. नंदन निलेकणि की अध्यक्षता वाले बोर्ड ने कहा कि 20 करोड़ डॉलर के इस सौदे में गड़बड़ी को लेकर की गयी शिकायत में कोई दम नहीं है.


इंफोसिस ने एक बयान में कहा, 'हमारे चेयरमैन की अगुवाई में गहन विचार-विमर्श के बाद बोर्ड इस बात की फिर से पुष्टि करता है कि सौदे में गड़बड़ी के आरोप में कोई दम नहीं है.'

संस्थापकों के कंपनी संचालन में गड़बड़ी, पूर्व प्रमुख अधिकारियों को नौकरी से हटाने को लेकर दिए गए उच्च पैकेज जैसे विवादों के बीच इंफोसिस ने मंगलवार को दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों की घोषणा की.

पनाया मुद्दे की समीक्षा के बारे में जानकारी देते हुए निलेकणि ने कहा, इन मामलों की समीक्षा के बाद बोर्ड इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि स्वतंत्र जांचकर्ता की रिपोर्ट सही थी.

इंफोसिस के संस्थापक और नंदन निलेकणि के सहयोगी नारायणमूर्ति ने 20 करोड़ डालर के पनाया सौदा मामले में स्वतंत्र जांचकर्ताओं गिबसन, डन और क्रचर की पूरी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की थी.