प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) टी वी मोहनदास पई ने शुक्रवार को कहा कि कतिपय सूचनाओं को सार्वजनिक करने के मामले में कंपनी का निपटान के लिए बाजार रेगुलेटर से संपर्क करने से यह साबित हुआ है कि इसके पूर्व चेयरमैन और सहसंस्थापक एन आर नारायणमूर्ति का सोचना सही था. पई ने कहा है कि कंपनी को उनसे (नारायणमूर्ति से) माफी मांगनी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि कि इंफोसिस ने अपने पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) राजीव बंसल के फर्म से नाता तोड़ने संबंधी भुगतान समझौते को लेकर सूचना प्रकाशन संबंधी नियमों में बरती गई कथित खामियों के मामले में सेबी के समक्ष निपटान अपील दायर की है.
बंसल के मसले के निपटारे के लिए सेबी में किया है आवेदन
पई केअनुसार यह अच्छा है कि इंफोसिस ने पूर्व सीएफओ बंसल से समझौता तोड़ने के मामले से जुड़े मुद्दों के निपटान के लिए सेबी के यहां आवेदन किया है.
पई ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘यह पूर्व सीएफओ बंसल के संबंध में कॉर्पोरेट गवर्नेंस संचालन और खुलासों के अभाव के बारे में नारायण मूर्ति के रुख की पूरी तरह से साबित करता है.’
उन्होंने कहा कि इससे पहले कंपनी के बोर्ड से इसे छुपाने और ढांकने की कोशिश की. इसके साथ ही पई ने कहा कि कंपनी ने इस मामले में अपने सह संस्थापक नारायण मूर्ति की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई .. .उसे उनसे माफी मांगनी चाहिए.
बॉम्बे शेयर बाजार को भेजी सूचना में इंफोसिस ने कहा है कि वह सीएफओ निपटान प्रक्रिया में अलग से नामांकन और पारिश्रमिक से संबंधित समिति और आडिट समिति से मंजूरी नहीं लेने के आरोपों का निपटारा करना चाहती है.
इंफोसिस से जुड़े इस मुद्दे की वजह से कंपनी के पूर्व सीईओ विशाल को इस्तीफा देना पड़ गया था. हाल ही में इंफोसिस ने सलिल एस पारेख को अपना नया सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) नियुक्त किया है.