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एक और रिवाज तोड़ने की कोशिश में मोदी सरकार, 2019 में पेश करेगी पूर्ण बजट

मोदी सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी साल में भी चीजें अपने ही अलग ढंग से कर सकती है

FP Staff

मोदी सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी साल में भी चीजें अपने ही अलग ढंग से कर सकती है. एक रिपोर्ट में सामने आया है कि सरकार पुराने रिवाजों को तोड़ते हुए 2019 में पूरा बजट पेश करेगी. जबकि इसके पहले लोकसभा चुनावों की स्थिति होने पर सरकारें अंतरिम बजट पेश करती रही हैं. मिंट में छपी खबर के मुताबिक, सरकार द्वारा पूरा बजट पेश करने का फैसला ये दर्शाता है कि उसे भरोसा है कि वो 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से जीत हासिल कर लेगी.

अपनी पहचान उजागर न करने की शर्त पर सरकार के एक अधिकारी ने मिंट को बताया कि हम निरंतरता बरकरार रखेंगे. हम सिर्फ चुनाव के चलते अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं पहुंचा सकते. जहां कहीं भी खर्च में अंतर होगा, हम उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे. उन्होंने बताया कि सरकार 2018-19 का इकोनॉमिक रिपोर्ट कार्ड भी जारी करेगी. जो कि आमतौर पर अगली सरकार का काम होता है.


साथ ही सरकार ने पूर्व आरबीआई गवर्नर बिमल जलान के नेतृत्व में एक पैनल का गठन भी किया है. ये पैनल वित्त मंत्रालय में अगले चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर का चयन करेगा. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि विभागों को 2018-19 के लिए रिवाइज्ड एस्टीमेट्स और 2019-20 के बजट एस्टीमेट्स के लिए पहले ही खत भेजे जा चुके हैं. साथ ही उद्योगों और अन्य स्टेक होल्डर्स से चर्चा भी की जा रही है कि ताकि बजट को लेकर उनकी क्या अपेक्षा है इसका पता लगाया जा सके.

आपको बता दें कि 2019-20 के अंतरिम बजट के लिए तैयारियां अक्टूबर से शुरू हो चुकी है. वित्त मंत्रालय ने अलग-अलग विभागों से उनके खर्च का अनुमान मांगा है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार अगर अंतरिम बजट पेश किया जाता है तो ये पिछले सभी अंतरिम बजट से अलग होगा.