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आईटी फाइल करते वक्त न करें ये गलतियां, आ सकता है नोटिस

गलत फॉर्म में रिटर्न दाखिल करने पर फाइल किए गए रिटर्न को सही नहीं माना जाएगा

FP Staff

इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते समय टैक्सपेयर्स कुछ सामान्य सी गलतियां करते हैं. यह गलतियां उन्हें मुश्किल में डाल सकती हैं या आगे चलकर उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से टैक्स नोटिस आ सकता है. ऐसे में इन गलतियों से बचना ही बेहतर है. हम आपको बता रहे हैं कि आपको कौन सी गलतियों से बचना है.

गलत फॉर्म में रिटर्न दाखिल करना


टैक्स कानून के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को इनकम के सभी स्रोतों की जानकारी देनी होती है और सही फॉर्म का इस्तेमाल करते हुए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है. अगर वह गलत आईटीआर फॉर्म में रिटर्न दाखिल करता है तो उसके फाइल किए गए रिटर्न को सही नहीं माना जाएगा और उससे सही फॉर्म में रिवाइज्ड आईटीआर फाइल करने को कहा जाएगा.

इंटरेस्ट इनकम की जानकारी न देना

प्रत्येक व्यक्ति को अपने टैक्स रिटर्न में सभी स्रोतों से हासिल होने वाली इंटरेस्ट इनकम की जानकारी देनी चाहिए. आमतौर पर लोग सेविंग बैंक अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट्स, रेकरिंग डिपॉजिट के हासिल होने वाली इंटरेस्ट की जानकारी देना भूल जाते हैं.

इनकम टैक्स रिटर्न न दाखिल करना

कई लोग इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं, क्योंकि उन्हें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हुआ है, जिसे टैक्स से छूट मिली हुई है और इसको जोड़े बिना उनकी ग्रॉस टोटल इनकम टैक्स-एग्जेम्प्ट लेवल से कम है.

पिछली नौकरी की इनकम की जानकारी न देना

अगर आपने किसी फाइनेंशियल ईयर में नौकरी बदली है तो आपको अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय पिछली नौकरी से होने वाली इनकम की जानकारी जरूर देनी चाहिए. अगर आप पिछली नौकरी या किसी भी इनकम की जानकारी नहीं देते हैं तो आपके टीडीएस सर्टिफिकेट, फॉर्म 16 और फॉर्म 26 एएस में गड़बड़ी साफतौर पर दिखेगी.

सभी बैंक खातों की जानकारी न देना

असेसमेंट ईयर 2015-16 से किसी भी टैक्सपेयर के लिए अपने इनकम टैक्स रिटर्न में पिछले फाइनेंशियल ईयर के अपने पास के सभी बैंक खातों की जानकारी देना जरूरी हो गया है. इससे पहले आपको केवल एक बैंक खाते की जानकारी देनी होती थी, जिसमें आप इनकम टैक्स रिफंड का क्रेडिट पाना चाहते हैं. हालांकि, अब इस दायरे से केवल डार्मेंट अकाउंट को बाहर रखा गया है.

(साभार न्यूज़ 18)