भारत माला मिशन- 34,800 किलोमीटर सड़के बनाई जाएंगी. 9000 किलोमीटर तक इकनॉमिक कॉरिडोर बनाए जाएंगे. इंटर कॉरिडोर या फीडर रूट 6000 किलोमीटर तक बनाए जाएंगे. 5000 किलोमीटर तक नेशनल कॉरिडोर बनाया जाएगा.
कोस्टल एयरपोर्ट को भी कनेक्ट करने के लिए सरकार नई सड़के बनवाएगी. इसमें 2.09 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. 1.06 लाख करोड़ निजी निवेश से हासिल होगा. 2.19 लाख करोड़ सीआरएफ या टोल से वसूला जाएगा.
सरकारी खर्च बढ़ा- सिंचाई, हाउसिंग, रेलवे और पावर पर सरकार ने काफी खर्च किया है. रोड बिल्डिंग पर सरकार ने ऐतिहासिक सड़क परियोजना बनाई है. इसके तहत 83,677 किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी. इस पर 6.92 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे.
सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च हुआ है. 11.47 लाख करोड़ रुपए इस फिस्कल ईयर का टोटल खर्च है. कैपिटल एक्सपेंडिचर पर सरकार का काफी फोकस रहा है.
चालू खाता घाटा-इस साल का टारगेट 3.09 लाख करोड़ है. मुमकिन है कि आगे आने वाले दिनों में बढ़ सकती है.
अरुण जेटली ने कहा, मैक्रो इकनॉमी बुनियादी तौर पर मौजूद है. और आगे आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी. पिछले कुछ दिनों में कई रिफॉर्म हुए हैं, जिससे अभी भले ही ग्रोथ कमजोर हुई हो लेकिन आगे आने वाले दिनों में ग्रोथ बढ़ेगी.