भारत अलगे हफ्ते से जेट फ्यूल और नेचुरल गैस को जीएसटी के दायरे में लाने का प्रस्ताव रख रहा है. इसी के साथ मौजूदा शुल्क और राज्यों की तरफ से लगाए जाने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे.
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, भारतीय टैक्स पैनल ने 21 जुलाई से इस प्रस्ताव को पारित करने का फैसला किया है. इस प्रस्ताव में एविएशन फ्यूल पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव है. पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर जीएसटी लगाने की राह में यह पहला कदम है. जिसे नए टैक्स सिस्टम के दायरे में लाने के लिए लंबे समय से चर्चा हो रही है.
भारत में एविएशन टरबाइन फ्यूल पर 30 प्रतिशत के आस-पास सेल्स टैक्स लगता है और 14 प्रतिशत के आसपास एक्साइज ड्यूटी लगती है, जिससे यह एशिया में सबसे महंगा हो जाता है. एयरलाइन कंपनियों के कामकाज के कुल खर्च में फ्यूल कॉस्ट की हिस्सेदारी 40 फीसदी है. लिहाजा कंपनियों का कहना है कि शुल्क से उनका मुनाफा घटता है. भारत के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट में से एक नई दिल्ली एयरपोर्ट पर एविएशन फ्यूल पर 39 प्रतिशत टैक्स लगता है. जबकि सिंगापुर में सिर्फ 7 प्रतिशत VAT लगता है. फ्यूल को नेशनल टैक्स सिस्टम के अंतर्गत लाने से यह एयरलाइंस के लिए आसान होगा.