भारतीय एयरलाइंस की परेशानियां दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं. पहले ही भारतीय एयरलाइंस जेट फ्यूल के लिए दुनिया में सबसे अधिक कीमत चुका रही थी जिसमें अब और अधिक इजाफा होने वाला है. इसके पीछे का कारण पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में रुपए की गिरती कीमत में रोक लगाने हेतु आयात शुल्क लगाना है.
बीते गुरुवार को वित्त मंत्री के जेट ईंधन पर 5 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाने की घोषणा के बाद जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड, स्पाइसडेट लिमिटेड और इंटरग्लोब एवियेशन लिमिटेड के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. रुपए की कीमत में बढ़त बनाने के लिए सरकार ने आयात पर सीमा शुल्क की रकम बढ़ा दी है. जेट एयरवेज के शेयरों में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है जो कि पिछले 6 वर्षों में सबसे बड़ी गिरावट है. वहीं स्पाइसजेट और इंटरग्लोब में भी 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. मोदी के इस कदम के बाद जेट एयरवेज अपने उंड बढ़ाने और कर्जों को कम करने की प्लानिंग में लगी हुई है.