भारत की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा उपलब्ध कराने वाली इंफोसिस ने यू बी प्रवीण राव को कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव पर शेयरधारकों की मंजूरी मांगी है. राव मूल रूप से कंपनी के मुख्य संचालन अधिकारी हैं.
इंफोसिस ने अपने शेयर धारकों को भेजे डाकमत पत्र में कहा, 'राव कंपनी के अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक के पद पर अधिकतम 5 साल तक या फिर तब तक रहेंगे जब तक नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक की नियुक्ति नहीं होती है.'
इंफोसिस के पूर्व सीईओ विशाल सिक्का के इस्तीफा देने के बाद राव का नाम 18 अगस्त को कंपनी के अंतरिम सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में सामने आया था. कंपनी के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की ओर से एक के बाद एक आरोपों के बाद सिक्का ने इंफोसिस से इस्तीफा दे दिया था.
इगोन जेहंडर खोज रही है इंफोसिस के लिए नया मुखिया
इंफोसिस ने सिक्का की जगह पर नए मुखिया के तलाश के लिए इगोन जेहंडर नाम की फर्म की भी मदद ली है. बेंगलुरु स्थित इस कंपनी ने इस पद को भरने के लिये मार्च 2018 की समयसीमा तय की है.
इंफोसिस ने कहा कि राव मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) और अंतरिम सीईओ के साथ प्रबंध निदेशक का काम संभालते रहेंगे. हालांकि, प्रबंध निदेशक के रूप में वह अतिरिक्त वेतन नहीं लेंगे.
कंपनी के शेयरधारकों की मंजूरी के मुताबिक राव को इस साल 12.5 करोड़ रुपए मिलेंगे, जिसमें पारिश्रामिक के रूप में 4.63 करोड़ रुपए निश्चित वेतन, 3.87 करोड़ रुपए अतिरिक्त प्राप्ति और प्रदर्शन आधारित स्टॉक विकल्प के रूप में 4 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. वित्त वर्ष 2016-2017 में पारिश्रामिक के रूप में उन्हें 7.8 करोड़ रुपए प्राप्त हुए. इसमें चार करोड़ रुपए के स्टॉक आप्शन का मूल्य शामिल नहीं है.
शेयरधारकों को डाक मतपत्र के जरिए 8 सितंबर से 7 अक्तूबर के बीच अपना मत भेजना है. परिणाम 9 अक्तूबर को घोषित कर दिया जाएगा.
इंफोसिस ने डी सुंदरम को बोर्ड का स्वतंत्र निदेशक नियुक्त करने के प्रस्ताव पर भी शेयरधारकों से मंजूरी मांगी है.