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इंडस्ट्री की रफ्तार हुई धीमी, आईआईपी ग्रोथ रेट घट कर हुआ 2.2%

इस साल अक्टूबर में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के उत्पादन में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले साल इसी माह में इस क्षेत्र की वृद्धि 4.8 प्रतिशत थी

Bhasha

मैन्यूफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर में नरमी तथा टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद (ड्यूरेबल कंज्यूमर प्रोडक्ट) के उत्पादन में गिरावट के चलते अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की ग्रोथ रेट गिर कर 2.2 प्रतिशत पर आ गई. यह तीन महीने में आईआईपी वृद्धि का न्यूनतम स्तर है.

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल अक्टूबर में आईआईपी 4.2 प्रतिशत थी. इस साल सितंबर में आईआईपी में 4.14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी.


चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-अक्टूबर की सात माह की अवधि में आईआईपी महज 2.5 प्रतिशत रही है. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में आईआईपी 5.5 प्रतिशत थी.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल अक्टूबर में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के उत्पादन में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले साल इसी माह में इस क्षेत्र की वृद्धि 4.8 प्रतिशत थी. आईआईपी में  क्षेत्र का भारांक 77.63 प्रतिशत है. अप्रैल-अक्टूबर 2017-18 के सात माह के दौरान मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 5.9 प्रतिशत की तुलना में चालू वित्त वर्ष में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि हासिल कर सका.

अक्टूबर में ड्यूरेबल कंज्यूमर प्रोडक्ट उद्योग के उत्पादन में 6.9 प्रतिशत की गिरावट दिखी. पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में इस सेक्टर में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. इस वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में इस सेक्टर में 1.9 प्रतिशत की गिरावट आई है. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह उद्योग छह प्रतिशत बढ़ा था.

विद्युत उत्पादन अक्टूबर में सालाना आधार पर 3.2 प्रतिशत अधिक रहा. एक साल पहले इसी माह बिजली उत्पादन वृद्धि तीन प्रतिशत थी.

माइनिंग सेक्टर की गतिविधियों की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष के अक्टूबर में एक प्रतिशत रही. उसकी तुलना में इस बार अक्टूबर में खनन सेक्टर 0.2 प्रतिशत घटा.

अक्टूबर 2017 में प्राइमरी कमोडिटी इंडस्ट्री की वृद्धि 2.5 प्रतिशत, कैपिटल गुड्स सेक्टर की 6.8 प्रतिशत, सेकेंडरी प्रोडक्ट इंडस्ट्री की 0.2 प्रतिशत और इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री की वृद्धि 5.2 प्रतिशत रही.