view all

सेंट्रल लंदन में जमकर प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं भारतीय

ब्रिटेन के रियल एस्टेट मार्केट में सुस्ती का फायदा उठाते हुए भारतीय खरीदार सेंट्रल लंदन के पॉश इलाके में धड़ल्ले से प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं

FP Staff

सेंट्रल लंदन के रियल एस्टेट मार्केट में इन दिनों मंदी की स्थिति है मगर इससे भारतीयों को कोई फर्क नहीं पड़ता. बड़ी संख्या में भारतीय वहां धड़ाधड़ प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं.

रियल एस्टेट बिजनेस के जानकारों के अनुसार ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (यूरोपियन यूनियन) को छोड़ने का फैसला और डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने से सेंट्रल लंदन के प्राइम लोकेशन का प्रॉपर्टी मार्केट सुस्त पड़ गया है. इन घटनाओं से पाउंड और दूसरी करेंसी के मूल्यों पर असर हुआ है मगर इससे एक दिलचस्प ट्रेंड देखने को मिला है- इस हाई प्रोफाइल रियल एस्टेट मार्केट में भारतीयों की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है.


प्रॉपर्टी कंसल्टेंट क्लुटंस के रिसर्च से पता चलता है कि, अगस्त 2016 और जुलाई 2017 के बीच, लंदन के सेंट्रल इलाके में होने वाले कुल प्रॉपर्टी बिजनेस में से 22 फीसदी हिस्सेदारी भारतीयों की है. हाल ही में यह देखा गया है कि भारतीयों ने बढ़-चढ़कर खरीदारी की है. क्लुटंस के रिसर्च हेड फैजल दुर्रानी ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए बताया कि कुल 18 अरब पाउंड की प्रॉपर्टी खरीदारी में से लगभग 4 अरब पाउंड की खरीदारी अकेले भारतीयों द्वारा की गई है.

5 साल में भारतीय प्रॉपर्टी खरीदारों का 17% बढ़ा आंकड़ा

रियल एस्टेट सर्विस फर्म कुशमैन एंड वेकफील्ड्स के पार्टनर माइक बिकर्टन का भी ऐसा ही मानना है. वो कहते हैं कि 'पांच साल पहले, 2012 में सेंट्रल लंदन इलाके में प्रॉपर्टी निवेश करने वालों में भारतीयों का आंकड़ा महज 5 फीसदी था. जो अब 2017 में छलांग लगाकर 22 फीसदी पहुंच गया है.'

फैजल दुर्रानी ने कहा रियल एस्टेट मार्केट में तेजी अंतिम बार 10 साल पहले 2007 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देखी गई थी. जिसने भी प्रॉपर्टी उस वक्त रुपए में खरीदा था, 10 साल बाद आज उसकी वैल्यू चुकाई गई रकम से 20 फीसदी अधिक है. इसका मतलब हुआ कि आज उसे बेचने का यह एक मजबूत आधार है.