विश्व बैंक के भारत प्रमुख जुनैद कमल अहमद ने कहा है कि भारत में भी सिलिकॉन वैली की तर्ज पर इनोवेशन करने की क्षमता है. उन्होंने कहा कि देश को अभी इनोवेशन के लिए इको सिस्टम के विस्तार की जरूरत है क्योंकि यह एक मध्यम आय वाला देश बनने की तरफ बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि क्या इनोवेशन की बात करते समय उत्पादकता उचित है. यह भारत के लिए बहुत ही जरूरी प्रश्न है क्योंकि देश आज निम्न मध्यम आय से उच्च आय वाला देश बनने की राह पर है.
विकासशील देशों में इनोवेशन पर विश्व बैंक की रिपोर्ट जारी करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हम अगले पांच सालों में भारत में सिलिकन वैली तैयार कर सकते हैं. दुनिया बदल रही है और हम आगे बढ़ सकते हैं.
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि कंपनी का आकार, कंपनी की क्षमता और इनोवेशन में मजबूत संबंध है. भारत में इनोवेशन इको सिस्टम में कार्य करने की अधिक जरूरत है, जहां कंपनियां स्थिर बने रहती हैं.
रिपोर्ट के अनुसार इनोवेशन में निवेश प्रक्रिया या उत्पादों में सुधार की स्थिति पर मिलता है न कि महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी और नए उत्पाद के नकल को अपनाने से.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर एक कंपनी या देश इनोवेशन में निवेश करता है लेकिन वह जरूरत की प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षित श्रमिकों और इंजीनियरों को नौकरी पर नहीं रखता है या नई संगठनात्मक तकनीकों को आकर्षित नहीं कर सकता तो उसे निवेश का कम ही रिटर्न हासिल होगा.