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पिछले 4 साल में 380% बढ़ी डीजल पर इंपोर्ट ड्यूटी

2014 से अब तक पेट्रोल के इंपोर्ट ड्यूटी में 120 फीसदी का इजाफा हुआ है

FP Staff

पेट्रोल और डीजल की महंगाई लोग परेशान है. आम समझ यही है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के बढ़ते दाम की वजह से घरेलू मार्केट में भी पेट्रोल और डीजल महंगा होता है. लेकिन इसके साथ ही एक और बात है, जो खुलकर सामने नहीं आती.

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क्रूड इंपोर्ट और रिफाइन के बाद पेट्रोल और डीजल बनकर जब बाजार में आता है तो उस पर कई तरह के टैक्स लगते हैं. 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद से अब तक इंपोर्ट ड्यूटी में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो चुकी है. 2014 में एक लीटर डीजल पर 3.56 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगता था, जो बढ़कर 17.33 रुपए प्रति लीटर हो गया. इस लिहाज से पिछले 4 साल में इंपोर्ट ड्यूटी 380 फीसदी तक बढ़ गई है.

पेट्रोल पर इंपोर्ट ड्यूटी 

2014 से अब तक पेट्रोल के इंपोर्ट ड्यूटी में 120 फीसदी का इजाफा हुआ है. एनडीए की सरकार आने से पहले पेट्रोल पर इंपोर्ट ड्यूटी 9.48 पैसा प्रति लीटर था, जो अब बढ़कर 21.48 रुपए प्रति लीटर हो गया है. यही वजह थी कि जब क्रूड सस्ता होता है तब भी हमें ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है.