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ITR में गलत जानकारी: इनकम टैक्स नोटिस के लिए रहिए तैयार

किसी टैक्सपेयर की बताई गई सैलरी इनकम उसके एंप्लॉयर द्वारा जारी किए गए TDS सर्टिफिकेट या फॉर्म 16 से मेल नहीं खाती है तो भी नोटिस आ सकता है

FP Staff

हर साल जुलाई से नवंबर के बीच लोग (इंडीविजुअल, फर्में और कंपनी) 31 मार्च को खत्म होने वाले पिछले फाइनेंशियल ईयर के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं. टैक्स रिटर्न में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट केवल साल के दौरान कमाई गई इनकम का ब्योरा नहीं चाहता है. बल्कि वह टैक्सपेयर्स की एसेट्स और लायबिलिटीज (विदेशी संपत्तियों और देनदारी) का भी डिटेल्स चाहता है.

सैलरी पाने वाले व्यक्ति के पास आमतौर पर आमदनी के दूसरे स्रोत नहीं होते हैं, ऐसे में उन्हें ज्यादा डिटेल्स नहीं देने पड़ते हैं. वहीं, जिन लोगों को कई स्रोतों से आमदनी होती है. साथ ही उनके पास एसेट्स और लायबिलिटीज होती हैं, उन्हें इसका ब्योरा देना पड़ता है. ऐसे में अगर आपने इन चीजों का ध्यान नहीं रखा होगा तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेज सकता है.


गलत डिटेल्स देना बढ़ा सकता है आपकी मुश्किल

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उम्मीद करता है कि प्रत्येक टैक्सपेयर अपनी आमदनी, संपत्तियों और देनदारियों से जुड़ी सही जानकारी टैक्स रिटर्न में दाखिल करेगा. इसलिए, डिपार्टमेंट टैक्स रिटर्न के आखिर में हर टैक्सपेयर से यह डिक्लेरेशन लेता है कि उसके द्वारा दाखिल की गई सभी जानकारियां सही हैं.

टैक्स रिटर्न में दिए गए डिटेल्स को करें वैरिफाई

कई टैक्सपेयर्स चार्टर्ड अकाउंटेंट और फाइनेंस प्रोफेशनल्स की मदद से अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं, ऐसे में यह सुनिश्चित करना केवल टैक्सपेयर्स की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि सभी डिटेल्स सही दिए जाएं. टैक्सपेयर के लिए जरूरी है कि वह टैक्स रिटर्न में दाखिल की गई इंफॉर्मेशन को वैरिफाई करे. साथ ही, अगर उसे कोई चीज समझ नहीं आ रही है तो वह उसके बारे में चार्टर्ड अकाउंटेंट या अपने एडवाइजर से पूछें.

डिटेल्स मेल न खाने पर I-T डिपार्टमेंट भेजेगा नोटिस

जिस तरह से टैक्सपेयर्स को अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करना होता है, उनके एंप्लॉयर्स, कस्टमर्स (जिनसे उनको पेमेंट मिलता है) को भी TDS रिटर्न दाखिल करना होता है. इसी तरह से बैंकों, म्यूचुअल फंड कंपनियों, रजिस्टार ऑफ प्रॉपर्टीज को अपने एनुअल इंफॉर्मेशन रिटर्न में ट्रांजैक्शन की जानकारी देनी होती है. अगर किसी टैक्सपेयर की तरफ से टैक्स रिटर्न में दी गई जानकारी दूसरी संबंधित पार्टियों की ओर से मुहैया कराई गई सूचना से मेल नहीं खाती है तो टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेजेगा.

इसी तरह, अगर किसी टैक्सपेयर की बताई गई सैलरी इनकम उसके एंप्लॉयर द्वारा जारी किए गए TDS सर्टिफिकेट/फॉर्म 16 से मेल नहीं खाती है तो भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस जारी करके आपसे स्पष्टीकरण मांग सकता है.