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महिला उद्यमियों के दम पर ही भारत हासिल कर सकता है 9 से 10 प्रतिशत की वृद्धि दर: अमिताभ कांत

नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि जब भी महिलाओं को मौका दिया जाता है तो उनका प्रदर्शन पुरुषों से बेहतर रहता है

Bhasha

सोमवार को नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने भारत की वृद्धि दर को बरकरार रखने के लिए महिला उद्यमशीलता की बात कही. उन्होंने कहा लगातार तीन दशक तक 9 से 10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने और युवा आबादी का लाभ उठाने के लिए महिलाओं में उद्यमशीलता बढ़ाने की जरूरत है.

उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि हरियाणा की खाप पंचायतें महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण के लाभ पर ध्यान नहीं देती. उनके मुताबिक इसलिए राज्य के कई पिछड़े जिलों का प्रदर्शन उम्मीदों से काफी नीचे रहा है. उन्होंने कहा कि यदि महिलाएं बेहतर स्थिति में नहीं रहेंगी तो समाज के समक्ष पीढ़ी दर पीढ़ी कुपोषण और नवजात शिशु मृत्यु दर बढ़ती जाएगी.


मौका मिले तो महिलाएं कर सकती हैं पुरुषों से बेहतर

कांत ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महिलाओं के और अधिक योगदान की जरूरत है. उनका कहना है, 'हमारे जीडीपी में महिलाओं का योगदान 22 प्रतिशत है, जबकि वैश्विक औसत 44 से 45 प्रतिशत का है.' उन्होंने कहा, 'ऐसे में यदि भारत को लगातार तीन दशक तक 9-10 प्रतिशत की सतत वृद्धि दर हासिल करनी है. तो वृद्धि की रणनीति में महिला उद्यमशीलता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.'

नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि जब भी महिलाओं को मौका दिया जाता है तो उनका प्रदर्शन पुरुषों से बेहतर रहता है. इस कड़ी में उन्होंने मेवात का उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ जिलों में इसका प्रदर्शन सबसे खराब है, क्योंकि खाप पंचायतें महिलाओं को स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए पर्याप्त अवसर नहीं देती हैं. सिर्फ यही एक वजह है जिससे जिले का प्रदर्शन खराब रहा है.