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जानिए किसे मिल सकता है साल में केवल दो बार रिटर्न फाइल की सुविधा

आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर निर्णय हो सकता है

Bhasha

व्यापारियों के एक वर्ग को बड़ा लाभ मिलने जा रहा है. उन्हें साल में केवल दो बार टैक्स भरना होगा.जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद लगातार छह माह के दौरान जिन यूनिट्स की जीरो टैक्स लाएबिलिटी रही है उन्हें आने वाले समय में साल में केवल दो बार ही जीएसटी रिटर्न भरने की अनुमति दी जा सकती है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर निर्णय हो सकता है.

हाल में प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक जीएसटी व्यवस्था के तहत जितनी भी रिटर्न अब तक फाइल की गई हैं उनमे कम से कम 40 प्रतिशत रिटर्न ऐसी रही हैं जिनमें जीरो टैक्स लाएबिलिटी है. ऐसी इकाइयों को अब हर महीने रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं होगी. एक नई सिंपल रिटर्न प्रोसेस को लेकर जीएसटी काउंसिल की बैठक में मंजूरी दी जा सकती है.


वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में जीएसटी रिटर्न फार्म प्रक्रिया को सरल किए जाने को लेकर विचार किया जा सकता है. उल्लेखनीय है जीएसटी काउंसिल में केंद्रीय वित्त मंत्रियों के अलावा राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं.

समूचे घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा, ‘जिन करदाताओं की टैक्स लाएबिलिटी पिछले छह माह के दौरान लगातार जीरो रही है, उन्हें आगे से छह महीने में एक ही बार रिटर्न भरने की आवश्यकता होगी.’

साल में भरने पड़ते थे 37 रिटर्न 

रेवेन्यू अथॉरिटी की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव के मुताबिक रिटर्न भरने की तारीख को भी अलग अलग किया जाएगा. जिन कारोबारियों का सालाना कारोबार डेढ करोड़ रुपए तक है उन्हें अगले माह की 10 तारीख तक रिटर्न भरनी होगी. जबकि अन्य कारोबारियों को अगले माह की 20 तारीख तक यह काम करना होगा.

देश में एक जुलाई 2017 से जीएसटी की शुरुआत होने के बाद कारोबारियों को हर माह तीन रिटर्न भरती होती थी, जबकि एक सालाना रिटर्न दाखिल करनी होती थी. कुल मिलाकर उन्हें साल में 37 रिटर्न दाखिल करनी होती थी.

बाद में उद्योग जगत और व्यावसायियों की शिकायत पर रिटर्न फाइलिंग को सरल बनाने के लिए एक समिति गठित की गई. इसी समिति की सिफारिशों पर अब रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.