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फेस्टिव सीजन: 'जीएसटी रिटर्न' से बिगड़ सकता है कारोबार का मजा

कारोबारियों को हर महीने तीन फॉर्म भरने पड़ रहे हैं, जिसकी वजह से कारोबारियों का काम बढ़ गया है

Bhasha

सालभर कारोबारी फेस्टिव सीजन का इंतजार करते हैं, क्योंकि इस दौरान उनकी सेल्स सबसे ज्यादा रहती है. हालांकि इस बार कारोबारियों का बिजनेस फीका रह सकता है.

क्या है मुश्किल?


जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की दिक्कतों के कारण कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. कारोबारियों का कहना है कि ईद, राखी पर पहले से ही कारोबार कमजोर था. अब दिवाली में भी बाजार में रौनक नहीं दिखाई दे रही है. पहले नोटबंदी और अब जीएसटी रिटर्न भरने के कारण कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

कारोबारियों की शिकायत है कि जीएसटी की वजह से उनका पूरा ध्यान कारोबार के बजाय जीएसटी रिटर्न भरने पर है. कारोबारियों को एक महीने में तीन फॉर्म जमा करना पड़ता है. रिटर्न भरने में सीए को भी दिक्कतें आ रही हैं. उनकी लगातार यह मांग रही है कि जीएसटी काउंसिल को इसे आसान बनाने की कोशिशें करना चाहिए.

आंदोलन के मूड में कारोबारी समूह 

कारोबारियों के प्रमुख संगठन कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (सीएटी) का कहना है कि यदि यही हालात रहे तो व्यापारियों को आंदोलन का रास्ता चुनना पड़ सकता है. कैट के अध्यक्ष बी सी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि जीएसटी लागू होने के बाद 75 दिन कारोबारियों के लिए परेशानी भरे रहे.

सीए अमित आजाद ने कहा, 'कई छोटे व्यापारी अभी तक सिर्फ बहीखातों पर काम करते रहे हैं. अब उन्हें न केवल कंप्यूटर लगाना पड़ रहा है, बल्कि ऑनलाइन रिटर्न भी जमा कराना पड़ रहा है. इस पर रिटर्न दाखिल करने वाले पोर्टल का ठीक से काम नहीं करना उनके लिए परेशानी पैदा कर रहा है.'