30 जून 2017 की आधी रात को संसद एक बार फिर बड़ी घटना का गवाह बनेगा. 1 जुलाई से पूरे देश में एक साथ जीएसटी लागू हो रहा है. इस मौके पर आधी रात को ही संसद के सेंट्रल हॉल में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साथ जीएसटी को देश भर में लॉन्च करेंगे.
कौन होगा ऐतिहासिक पल का गवाह
तय कार्यक्रम के मुताबिक, 30 जून को जीएसटी को लेकर संसद भवन में 11 बजे रात्रि में कार्यक्रम शुरू हो जाएगा. संसद के सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों के सांसद मौजूद रहेंगे. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी विशेष तौर पर उपस्थित रहेंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कैबिनेट के सभी सहयोगियों के साथ सेंट्रल हॉल के इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.
संसद के इस विशेष सत्र में दोनों सदनों के सांसदों के अलावा जीएसटी काउंसिल के सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया है. जीएसटी काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्री भी सदस्य होते हैं. लिहाजा, उन्हें भी इस सत्र में विशेष तौर पर बुलाया गया है.
इस समारोह में लता मंगेशकर, अमिताभ बच्चन, सोली सोराबजी, हरीश साल्वे, रतन टाटा, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल, पूर्व आरबीआई गवर्नर सी रंगराजन, बिमल जालान और डी सुब्बाराव सहित कई जाने-माने लोग होंगे.
क्या है कार्यक्रम?
जीएसटी पर विशेष सत्र 30 जून की रात 11 बजे से रात 12 बज कर 10 मिनट तक चलेगा. एक घंटा दस मिनट के इस कार्यक्रम में सबसे पहले ठीक 11 बजे राष्ट्रपति के पहुंचने के बाद राष्ट्रगान होगा. इसके बाद कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का भाषण होगा जिसमें वो देश के लोगों को संसद के माध्यम से जीएसटी लागू करने का ऐलान करेंगे.
प्रधानमंत्री के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जीएसटी के मुद्दे पर सभी सांसदों और वहां मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे. राष्ट्रपति के संबोधन के बाद जीएसटी से जुड़ी 2 शॉर्ट फिल्में दिखाई जाएंगी.
इसके बाद ठीक 12 बजे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री एक ऐप का बटन दबाकर जीएसटी लागू करेंगे. इसके बाद रात 12 बजकर 10 मिनट पर राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हो जाएगा और इस तरह से जीएसटी पूरे देश में एक साथ लागू हो जाएगा.
लॉन्चिंग से पहले होगा डिनर
संसद के भीतर इक कार्यक्रम के पहले जीएसटी काउंसिल के सभी सदस्यों के एक साथ डिनर पर मिलने का कार्यक्रम भी है. डिनर का आयोजन विज्ञान भवन में शाम 7 से 9 बजे के बीच होगा. डिनर के पहले जीएसटी काउंसिल की एक बैठक भी होगी जिसके बाद सभी सदस्य संसद पहुंचेंगे.
सरकार की अबतक की तैयारियों के मुताबिक संसद के सेंट्रल हॉल में मंच पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा और वित्त मंत्री अरुण जेटली भी मौजूद रहेंगे.
इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी विशेष रूप से बुलाया गया है. लेकिन, अब मिल रहे संकेतों के मुताबिक मनमोहन सिंह भी अपनी पार्टी की राह पर चलते हुए पूरे कार्यक्रम का बहिष्कार कर सकते हैं.
विपक्ष को है ऐतराज
जीएसटी को एक साथ पूरे देश में लागू होने की तैयारी पूरी हो गई है. लेकिन, इस मुद्दे पर सियासत शुरू है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आधी रात को इस भव्य कार्यक्रम में जीएसटी लागू करने पर सवाल उठाया है. कांग्रेस ने इस पूरे कार्यक्रम का ही बहिष्कार करने का फैसला कर लिया है.
इसके पहले तीन बार संसद के भीतर रात 12 बजे इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जो कि देश की आजादी से जुड़ा कार्यक्रम था. पहली बार 1947 में फिर आजादी के 25 साल पूरा होने के मौके पर 1972 में और फिर 50 साल पूरा होने के मौके पर 1997 में रात 12 बजे ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ था.
लेकिन, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का कहना है कि बीजेपी के लोगों का आजादी में कोई योगदान नहीं रहा लिहाजा उनके लिए पहले हुए कार्यक्रम के क्या मायने हैं.
सियासत हावी है टैक्स रिफॉर्म पर
कांग्रेस के इस ऐलान के बाद जीएसटी काउंसिल में शामिल कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्री भी इस कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे. टीएमसी भी इस कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी.
दरअसल, इतने बड़े टैक्स रिफॉर्म के ऊपर सियासत पहले से ही हावी रही है. अब जीएसटी लागू हो रहा है तो इसका श्रेय किसे मिलेगा. इसी कोशिश में सभी सियासी दल लगे हुए हैं.