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जीएसटी और अफवाह: आपके अफवाहों का अधिया ने दिया जवाब

अधिया ने उन सभी आशंकाओं को दूर कर दिया जो जीएसटी लागू होने के बाद लोगों के मन में थे

FP Staff

देश भर में जीएसटी लागू होने के एक दिन बाद रविवार को केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने नई कर व्यवस्था के बारे में कई गलतफहमियों को दूर किया.

अधिया ने ट्वीट किया, "जीएसटी के बारे में सात मिथक चल रहे हैं, जो सही नहीं हैं. मैं उन्हें बारी-बारी से बताना चाहता हूं कि मिथ क्या है और वास्तविकता क्या है. कृपया इन पर गौर करें."


अधिया ने लोगों को अफवाहों के चक्कर में न पड़ने के लिए चेताया और ट्वीट में कहा कि जीएसटी का क्रियान्वयन और अनुपालन पारदर्शी होगा.

उन्होंने जीएसटी के बारे में चल रहे मौजूद मिथकों को बारी-बारी से स्पष्ट किया :

अफवाह: क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करने पर दो बार जीएसटी चुकाना होगा

सच: जीएसटी सिर्फ एकबार लगेगा. आप कार्ड से भुगतान करें या कैश से.

अफवाह: मुझे सभी इनवॉयस इंटरनेट या कंप्यूटर से ही निकालने होंगे.

सच: इनवायस हाथ से भी बनाए जा सकते हैं.

अफवाह: जीएसटी के तहत कारोबार करने के लिए मुझे हर वक्त इंटरनेट की जरूरत होगी

सच: इंटरनेट की जरूरत सिर्फ महीने में एकबार जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए होगी.

अफवाह: मेरे पास प्रोविजनल आईडी है, लेकिन कारोबार करने के लिए अंतिम आईडी का इंतजार कर रहा हूं.

सच: प्रोविजनल आईडी आपका अंतिम जीएसटीआईएन संख्या होगा. कारोबार शुरू कीजिए.

अफवाह: मेरे कारोबार से संबंधित वस्तुएं पहले कर मुक्त थीं, इसलिए मुझे अब कारोबार शुरू करने से पहले तत्काल नए पंजीकरण की जरूरत होगी.

सच: आप कारोबार जारी रख सकते हैं और 30 दिनों के भीतर पंजीकरण करा लीजिए.

अफवाह: हर महीने तीन रिटर्न दाखिल करने होंगे.

सच: तीन हिस्सों वाला सिर्फ एक ही रिटर्न है, जिसमें से पहला हिस्सा कारोबारी दाखिल करेंगे. बाकी दो अन्य हिस्से कंप्यूटर द्वारा स्वत: दाखिल हो जाएंगे.

अफवाह: छोटे कारोबारियों को भी रिटर्न में इनवॉइस वार विवरण दाखिल करने होंगे.

सच: खुदरा कारोबारियों (बी2सी) को केवल कुल बिक्री का ब्योरा भरने की जरूरत होगी.

अफवाह: नई जीएसटी दरें पहले के वैट से अधिक हैं.

सच: यह उत्पाद शुल्क और अन्य करों के कारण अधिक लगती है, जो पहले नहीं दिखती थी, और अब जीएसटी में मिला दी गई है और इसलिए दिखाई दे रही है.