view all

GST effect: जिन देशों में पहले लागू हुआ वहां का क्या है हाल?

भारत में जीएसटी भले ही पहली बार लागू हुआ हो. लेकिन दुनिया के लिए ये नया नहीं है.

Subhesh Sharma

1 जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू हो गया है. जीएसटी का असर लगभग सभी चीजों पर पड़ेगा. भारत में जीएसटी भले ही पहली बार लागू हुआ हो. लेकिन दुनिया के लिए यह नया नहीं है.

टैक्स चोरी रोकने के लिए फ्रांस ने 1954 में सबसे पहले जीएसटी लागू किया था. इसके बाद से करीब 160 देशों के पास आज GST/VAT है. जबकि ब्राजील, कनाडा जैसे बहुत से देशों में डुअल-जीएसटी (राज्य का अलग और देश का अलग जीएसटी) लागू है. इन देशों के जैसे भारत ने भी डुअल जीएसटी ही अपनाने का फैसला किया है.


एशिया में कहां कहां है जीएसटी?

भारत में जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स स्लैब को चार हिस्सों (5, 12, 18, 28 प्रतिशत) में बांटा गया है. भारत में जीएसटी के अन्तर्गत 1211 वस्तुओं पर टैक्स तय किया गया है. अगर भारत के जीएसटी और एशिया में उसके समकक्ष देशों के जीएसटी पर नजर डालें तो दोनों में जमीन आसमान का अंतर देखने को मिलता है.

जैसे की पड़ोसी देश पाकिस्तान में भले ही हमसे पहले 2013 जून से जीएसटी लागू है, पर फिर भी यहां जीएसटी के अलावा सर्विस टैक्स व अन्य टैक्स भी लागू हैं. वहीं ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, पाकिस्तान और चीन में जीएसटी का स्टेंडर्ड रेट हमसे काफी कम है. यहां स्टेंडर्ड रेट क्रमश: 10, 6, 15, 7, 17, 17 फीसदी है. जबकि अमेरिका इकलौती ऐसी बड़ी अर्थव्यवस्था है, जहां जीएसटी नहीं है. यहां टैक्स तयॉकरने को लेकर राज्यों को स्वतंत्रता दी गई है.

अच्छा नहीं पड़ा जीएसटी इम्पैक्ट

भारत में जीएसटी का भविष्य कैसा होगा इसका फैसला अभी होना बाकी है. लेकिन दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जो आज भी इससे जूझ रहे हैं. भारत के जैसे कनाडा में भी ड्यूल जीएसटी है. यहां भी विपक्षी दलों ने जीएसटी का जमकर विरोध किया था. जिसके चलते कनाडा सरकार ने जीएसटी लागू करने के बाद करीब दो बार उसका रेट कम किया. इसी तरह 1994 में जब सिंगापुर में जीएसटी लागू हुआ था तब यहां मंहगाई बढ़ गई थी. मलेशिया में भी 26 साल की बहस के बाद 2015 में जीएसटी लागू हुआ. मलेशिया ने जीएसटी तैयार करने के लिए करीब डेढ़ साल का समय लगाया. लेकिन इसके बावजूद यहां ढरों खामियां सामने आईं

अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में जीएसटी का स्टेंडर्ड रेट

- कनाडा में जीएसटी 5 फीसदी और हार्मनोनाइज्ड सर्विस टैक्स (एचएसटी) 0-15 फीसदी तक.

- ब्राजील में 10 फीसदी

- फ्रांस में 20 फीसदी

- थाईलैंड में 7 फीसदी

- जापान में 8 फीसदी

- जर्मनी में 19 फीसदी

- नेदरलैंड्स में 21 फीसदी

- रूस में 18 फीसदी

दर बढ़नी तय है

न्यूजीलैंड में जीएसटी 1986 में लागू किया गया. उस समय यहां जीएसटी 10 फीसदी था. लेकिन अधिक इनकम जुटाने के लिए यहां कुछ सालों बाद इसे बढ़ाकर 12.5 परसेंट किया गया और फिर 2010 में 15 फीसदी कर दिया गया. ब्रिटेन ने कुछ समय पहले ही जीएसटी की दर को बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया था. वहीं ऑस्ट्रेलिया में भी इसे 15 फीसदी से बढ़ाकर 19 फीसदी करने की तैयारियां चल रही हैं.

इन आंकड़ों को देखने के बाद एक बात साफ नजर आती है कि लागू होने के बाद जीएसटी की दर कम हो न हो बढ़ती जरूर है. ऑर्गनाइजेशन ऑफ इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलप्मेंट (OECD) 30 देशों का संगठन है. ओईसीडी के मुताबिक, 21 देशों ने 2009 से 2011 के बीच जीएसटी रेट को बढ़ाकर 17.6 से 19.1 किया है.

कहां का जीएसटी माना जाता है बेस्ट

जिन-जिन देशों में जीएसटी लागू है उनमें न्यूजीलैंड के जीएसटी सबसे अच्छा माना जाता है. यहां पर भारत के जैसे पेट्रोल, शराब, तंबाकू आदि प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे से बाहर नहीं रखा गया है, बल्कि यहां सभी उत्पादों को जीएसटी के दायरे में रखा गया है और जीएसटी की एक ही दर है. इसके अलावा उसके सामने भारत की तरह अलग-अलग राज्य व्यवस्था की चुनौती नहीं है.

वहीं भारत में टैक्स को चार स्लैब में बांटने को लेकर फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने कहा था कि अलग-अलग टैक्स स्लैब रखना जरूरी थी. विकसित देशों में लोग एक हवाई चप्पल और कार पर एक समान कर चुका सकते हैं लेकिन भारत में यह मुमकिन नहीं है. यहां लोगों के पास इतना पैसा नहीं है कि वे एकसमान टैक्स चुका पाएं. लिहाजा हमने लोगों की जरूरतों का ध्यान रखते हुए अलग-अलग टैक्स स्लैब तैयार किया है.

क्या है जीएसटी

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एक अप्रत्यक्ष कर यानी इंडायरेक्ट टैक्स है. जीएसटी के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान टैक्स लगाया जाएगा है. पहले राज्य और केंद्र सरकारें अलग-अलग टैक्स लगाती थीं. अब उपभोक्ताओं को सिर्फ एक टैक्स देना होगा. इस टैक्स में राज्य और केंद्र सरकार का अपना-अपना शेयर होगा. हर सेवा पर नहीं लागू होगा जीएसटी

ऐसे लगता है टैक्स?

फैक्टरी से जब कोई सामान निकलता है तो उस पर कई तरह के टैक्स लगते हैं. फैक्टरी से बाहर आते ही सबसे पहले उस पर एक्साइज ड्यूटी यानी उत्पाद शुल्क लगता है. कभी-कभी एडिशनल एक्साइज ड्यूटी भी लगती है. इसके अलावा आपके टैक्स का एक बड़ा हिस्सा होता है सर्विस टैक्स. अगर रेस्तरां में खाना खाते हैं, मोबाइल बिल मिलता है या क्रेडिट कार्ड का बिल आता है, तो हर जगह ये लगाया जाता है जो 14.5 फीसदी तक होता है.