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जीएसटी काउंसिल का फैसला: छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत

शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक का फोकस सबसे ज्यादा छोटे कारोबारियों और एक्सपोर्टर्स पर रहा

FP Staff

जीएसटी लागू होने के बाद खासतौर पर छोटे कारोबारियों की शिकायत रही है कि उन्हें कारोबार करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. ऐसे में सरकार ने जीएसटी से जुड़ी मुश्किलों को दूर करने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं. शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक का फोकस सबसे ज्यादा छोटे कारोबारियों और एक्सपोर्टर्स पर रहा.

एसएमई को राहत


जिन कारोबारियों का सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए तक होगा, उन्हें अब तीन महीने में एक बार जीएसटीएन भरना होगा. अभी तक उन्हें हर महीने रिटर्न फाइल करना पड़ता था. ऐसे में छोटे कारोबारियों की शिकायत रही है कि हर महीने फॉर्म भरने से उन्हें कारोबार करने में काफी मुश्किलें होती है. सरकार ने अब इनकी दिक्कत दूर कर दी है.

रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म टला  

सरकार ने छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को 31 मार्च तक टाल दिया है. रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म से कारोबार करने में काफी दिक्कतें आ रही थीं.

इसके तहत जब कोई रजिस्टर्ड डीलर अनरजिस्टर्ड कारोबारी से प्रोडक्ट खरीदता है तो टैक्स सिर्फ रजिस्टर डीलर पर ही लगता था. यानी मैन्युफैक्चर, सप्लायर चेन में रजिस्टर्ड कारोबारी नहीं होने से रजिस्टर्ड कारोबारियों पर बोझ बढ़ जाता था.

हालांकि इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा भी सिर्फ रजिस्टर्ड कारोबारियों को ही मिलेगा. ज्यादा से ज्यादा कारोबारी जीएसटी में रजिस्टर्ड हो और यह चेन सही ढंग से चले इसलिए रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को 31 मार्च 2018 तक टाल दिया गया है.

एक्सपोर्टर्स को राहत 

हर एक्सपोर्टर्स का ईवॉलेट बनेगा. इसमें नोशनल अमाउंट एडवांस रिफंड के तौर पर होगा. इसे 1अप्रैल 2018 से लागू करने की योजना है. रिफंड का जो भी अमाउंट होगा वह उस वॉलेट मनी से काट लिया जाएगा. नॉमिनल जीएसची 0.1 फीसदी पर एक्सपोर्ट कर सकते हैं. जुलाई अगस्त के एक्सपोर्ट का रिफंड जल्द से जल्द होगा. 11 अक्टूबर से अगस्त का रिफंड मिलेगा.