जीएसटी काउंसिल की आज यानी शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में अहम बैठक हो रही है. वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल की अध्यक्षता में दूसरी बार यह बैठक हो रही है.
इस बैठक में खास तौर पर छोटे कारोबारियों (एमएसएमई) के मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है.
बैठक में एमएसएमई को राहत पर 100 से ज्यादा सिफारिशें हो सकती हैं. साथ ही इंटर स्टेट कारोबार पर भी छूट मिल सकती है. अभी इंटर-स्टेट लेनदेन में जीएसटी रजिस्ट्रेशन जरूरी है. बैठक में एमएसएमई के भुगतान के एक हिस्से का रिफंड, रिफंड की प्रक्रिया सरल बनाने, देश में कहीं भी जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सुविधा देने, सिंगल जीएसटी आईडी से पूरे देश में कारोबार करने की सुविधा देनें, टर्नओवर की सीमा बढ़ाने पर, तिमाही रिटर्न पर हर माह टैक्स भरने से राहत अपील की फीस आधी करने जैसी सिफारिश संभव है.
इसके अलावा सीएनबीसी-आवाज को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के अनुसार सैनिटरी पैड इंडस्ट्री ने वित्त मंत्रालय से कहा है कि नैपकिन पर दोबारा जीएसटी लगाया जाए. इंडस्ट्री ने इस पर 0.1 प्रतिशत जीएसटी फिर से लगाने की मांग की है.
सैनिटरी नैपकिन सस्ता करने के उपायों पर विचार
0.1 फीसदी जीएसटी से इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलना आसान होगा. दूसरा विकल्प यह है कि कंपनी को खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट मिले. तीसरा विकल्प यह है कि कच्चे माल की खरीद पर जीएसटी से छूट मिले. जीएसटी रेट में कटौती का फायदा कंज्यूमर को देने के लिए वक्त मिले. इंडस्ट्री ने इसके लिए 180 दिन का वक्त मांगा है. इंडस्ट्री की मांग है कि जीएसटी हटाने से सस्ते इंपोर्ट होने लगे हैं.
छोटे कारोबारियों (एमएसएमई) के मुद्दों पर होगी चर्चा
शनिवार को हो रही जीएसटी काउंसिल की यह 29वीं बैठक है. इस बैठक में छोटे जीएसटी कारोबारियों का मुद्दा केंद्र में बना रहेगा. इनडायरेक्ट टैक्स से जुड़े अधिकारियों को इस बैठक के लिए कारोबारियों को क्या दिक्कत आ रही है इसकी लिस्ट बनाने के लिए कहा गया है.
जीएसटी काउंसिल ने अपनी 28वीं बैठक में 5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को हर महीने रिटर्न भरने से छुटकारा दिया था. इन्हें हर तिमाही में रिटर्न भरना होगा.
बता दें कि छोटे कारोबारियों का अभी अपने राज्य में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में इन पर हो सकता है विचार
- अडवांस पेमेंट पर जीएसटी की दरें
- सभी अकाउंट से क्रॉस पेमेंट की सुविधा जिससे सीजीएसटी का इनपुट टैक्स क्रेडिट एसजीएसटी में भी इस्तेमाल हो सके
- रिटर्न फाइल नहीं करने तक डीलर एंट्री में बदलाव कर सकें
- सेवाओं को कंपोजिशन स्कीम के तहत लाया जाए
- जॉब वर्क पर सबसे कम 5 फीसदी का टैक्स स्लैब
- बिस्किट, चावल, बर्तन, भुना चना, दलिया पर जीएसटी की दर कम करने पर भी हो सकता है विचार
(न्यूज़18 से साभार)