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एयर इंडिया का निजीकरण: 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

यर इंडिया पर टोटल 470 अरब का कर्ज है. इसके नए मालिक को इसका 48 फीसदी यानी 245.76 अरब कर्ज का बोझ उठाना होगा

FP Staff

सरकार एयर इंडिया में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है. एयर इंडिया की खस्ता माली हालत की वजह सरकार ने इसमें अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है.

सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने घाटे में चल रही एयर इंडिया और इसकी दो सब्सिडियरी में हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है. मिनिस्ट्री के मेमोरेंडम के मुताबिक, सरकार एयर इंडिया में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के साथ मैनेजमेंट का कंट्रोल भी ट्रांसफर करने की तैयारी में है.


मेमोरेंडम के मुताबिक, एयर इंडिया का कोई कर्मचारी या मैनेजमेंट या कंसोर्शियम नीलामी में शामिल हो सकता है. एयर इंडिया पर टोटल 470 अरब का कर्ज है. इसके नए मालिक को इसका 48 फीसदी यानी  245.76 अरब कर्ज का बोझ उठाना होगा.

इस नीलामी में शामिल होने के लिए 14 मई तक अपनी दिलचस्पी दिखानी होगी. नीलामी लगाने वालों को 28 मई को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा. एयर इंडिया की बोली लगाने के लिए न्यूनतम बोली 50 अरब रुपए तय किया गया है. भारत सरकार ने अर्नेस्ट एंड यंग को इस ट्रांजैक्शन के लिए एडवाइजर नियुक्त किया है.