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19 आइटम्स पर बढ़ी इम्पोर्ट ड्यूटी, आधी रात से महंगे हो जाएंगे एसी, फ्रिज जैसे सामान

सरकार के इस फैसले का मतलब हुआ कि विदेश से आने वाले सामान महंगे हो जाएंगे, सरकार ने यह फैसला डॉलर के मुकाबले रुपए के गिरते भाव को देख कर लिया है

FP Staff

केंद्र सरकार ने बुधवार को जेट ईंधन, एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर सहित कुल 19 वस्तुओं पर सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) बढ़ा दिया हैं. बढ़ी हुई दरें मध्यरात्रि से प्रभावी हो जाएंगी. गैर आवश्यक वस्तुओं का निर्यात घटाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि बीते वित्त वर्ष में इन उत्पादों का कुल आयात बिल 86,000 करोड़ रुपए रहा था.

सरकार के इस फैसले का मतलब हुआ कि विदेश से आने वाले सामान महंगे हो जाएंगे. सरकार ने यह फैसला डॉलर के मुकाबले रुपए के गिरते भाव को देख कर लिया है. उम्मीद जताई जा रही है कि अब रुपए में मजबूती देखने को मिलेगी. इसके साथ ही करेंट अकाउंट डेफिसिट को भी काबू में रखा जा सकेगा.


जिन अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया गया हैं उनमें वॉशिंग मशीन, स्पीकर, रेडियल कार टायर, आभूषण उत्पाद, किचन और टेबलवेयर, कुछ प्लास्टिक का सामान और सूटकेस शामिल हैं.

मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने मूल सीमा शुल्क (बेसीक कस्टम ड्यूटी) बढ़ाकर शुल्क उपाय किए हैं. इसके पीछे उद्देश्य कुछ आयातित वस्तुओं का आयात घटाना है. इन बदलावों से चालू खाते के घाटे (करेंट अकाउंट डेफिसिट) को सीमित रखने में मदद मिलेगी. कुल मिलाकर 19 वस्तुओं पर आयात शुल्क घटाया गया है. एसी, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन (10 किलो से कम) पर आयात शुल्क दोगुना कर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. आयात शुल्क में ये बदलाव 26-27 सितंबर की मध्यरात्रि से लागू होंगे.

चालू खाते के घाटे पर अंकुश और पूंजी के बाह्य प्रवाह को रोकने के लिए ये उपाय किए गए हैं. विदेशी मुद्रा के अंत: प्रवाह और बाह्य प्रवाह का अंतर करेंट अकाउंट डेफिसिट (कै़ड) कहलाता है. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कैड बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है.