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सरकारी बैंकों के विलय को कैबिनेट से मिली सैद्धांतिक मंजूरी

निवेशकों को फिलहाल बैंकिंग स्टॉक्स से दूर रहना चाहिए

FP Staff

सरकारी बैंकों के विलय को कैबिनेट ने सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी है. फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने कहा कि सरकारी बैंकों के विलय के लिए एक व्यवस्था बनाई जाएगी.

जेटली ने कहा कि विलय के लिए मंत्रियों का एक पैनल बनेगा. इस पैनल को सभी बैंकों के नाम सौंपे जाएंगे. यह पैनल बैंकों के विलय का प्रस्ताव मंजूर करेगा. इसके बाद ही बैंक बोर्ड से विलय की मंजूरी मिलेगी.


कैसे होगा बैंकों का विलय?

सरकार की योजना के मुताबिक, बैंकों का विलय 4 आधार पर होगा. पहला, एक ही इलाके वाले बैंकों का विलय होगा. इसके लिए बैंकों की एसेट क्वालिटी में तालमेल जरूरी होगा. बैंकों की कैपिटल एडिक्वेसी (पूंजी पर्याप्‍तता) में भी तालमेल जरूरी होगा. बैंकों के मुनाफे का भी ख्याल रखा जाएगा.

एसबीआई, आईडीबीआई बैंक को छोड़कर सभी बैंक इस कानून के तहत आएंगे. ये मर्जर बैंकिंग कंपनीज एक्ट के तहत होगा. एंबिट कैपिटल के सौरभ मुखर्जिया ने कहा कि पीएसयू बैंकों के विलय से देश को फायदा होगा, लेकिन शेयरधारकों के लिए इससे फायदा नजर नहीं आता. मखर्जिया ने कहा कि छोटे ग्राहकों को फिलहाल फाइनेंशियल सेक्टर से दूर रहना चाहिए.