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सर्राफा बाजार की चांदी: 2 लाख रुपए तक के गहने खरीदने पर नहीं देना होगा पैन कार्ड

सर्राफा बाजार की चांदी, मनी लॉन्ड्रिंग कानून के दायरे से बाहर हुआ कारोबार

Pratima Sharma

सरकार ने सर्राफा बाजार को दिवाली का तोहफा दे दिया है. इसे प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट से बाहर कर दिया गया है. इससे सर्राफा कारोबारियों के लिए कारोबार करना आसान हो जाएगा.

क्या हुआ बदलाव?


अब तक 50,000 रुपए तक के गहनों की खरीदारी पर पैन कार्ड मुहैया नहीं कराना होता था. यह सीमा बढ़ाकर अब 2 लाख कर दी गई है. यानी अब 2 लाख रुपए से ज्यादा की ज्वैलरी खरीदने पर ही पैन कार्ड मुहैया कराना होगा.

अनमोल ज्वैलर्स के इशु दतवानी का कहना है, 'यह बहुत ही बढ़िया कदम है. इस फैसले की टाइमिंग भी बहुत सही है.दिवाली आने वाली है ऐसे में सरकार का यह फैसला कारोबारियों और ग्राहकों दोनों के लिए राहत भरी है.'

यह पूछे जाने कि क्या 50,000 रुपए की सीमा बढ़ाने से मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा मिलेगा. इस पर दतवानी कहते हैं, 'ऐसा नहीं है. गोल्ड का भाव देखें तो 50,000 रुपए में आप इतनी ज्वैलरी नहीं ले सकते हैं जिससे कालेधन को बढ़ावा दिया जा सके.'

अब ग्राहकों को 2 लाख रुपए से ज्यादा के गहने खरीदने पर ही पैन कार्ड मुहैया कराना होगा. यही सीमा पहले भी थी. इसके साथ ही सरकार ने सर्राफा बाजार के लिए केवाईसी मुहैया कराने की शर्त खत्म कर दी है. केवाईसी के तहत ग्राहकों को फॉर्म भरकर अपनी जानकारी देनी पड़ती थी. कारोबारियों की दलील रही है कि कई ग्राहक अपनी जानकारी नहीं देना चाहते थे, लिहाजा कारोबार करने में मुश्किलें आ रही थीं.

बाजार के जानकारों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से सर्राफा कारोबारियों को काम करने में आसानी होगी. अभी तक कारोबारी इस फिक्र में रहते थे कि सरकार 3 या 4 साल बाद कभी भी ग्राहकों की जानकारी मांग सकती थी. लेकिन अब सरकार ने सर्राफा बाजार को पीएमएलए से बाहर कर दिया है. पीएमएलए से बाहर होने पर सरकार सर्राफा कारोबारियों से किसी तरह की जानकारी नहीं मांगेगी.

पीएमएलए के दायरे में कब आया था सर्राफा बाजार  

8 नवंबर को नोटबंदी लागू करने के बाद ऐसी खबरें आ रही थी कि अब गोल्ड में ब्लैकमनी खपाया जा रहा है. लिहाजा सरकार ने सर्राफा बाजार को पीएमएलए के दायरे में शामिल कर लिया था. इसे 23 अगस्त 2017 को नोटिफाई किया गया था. इसके बाद सालाना 2 करोड़ रुपए से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए केवाईसी अनिवार्य बना दिया गया था.

ग्राहकों की पहचान के लिए सरकार ने पैन कार्ड मुहैया कराना अनिवार्य कर दिया था. लेकिन यह डर भी था कि काला धन खपाने वाले किसी और का पैन कार्ड ना दे दें. लिहाजा सरकार ने पीएमएलए के तहत सर्राफा बाजार के लिए केवाईसी अनिवार्य कर दिया था. हालांकि अब सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सर्राफा बाजार को राहत दे दी है. इससे सर्राफा कारोबार में तेजी आएगी, जो पिछले कुछ महीनों से सुस्त थी.