अगर कोई एंप्लॉयर (नियोक्ता) अपने एंप्लॉयीज (कर्मचारियों) को कॉन्ट्रैक्चुल एग्रीमेंट के बाहर और बिना सोचे-विचारे एक साल में 50,000 रुपए से ऊपर का गिफ्ट देता है तो वह गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के दायरे में आएगा. फाइनेंस मिनिस्ट्री ने सोमवार को यह बात कही है.
50,000 रुपए से कम के गिफ्ट पर नहीं लगेगा जीएसटी
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा है, ‘कंपनियों की तरफ से अपने एंप्लॉयीज को दिए जाने वाले गिफ्ट और अतिरिक्त सुविधाएं जीएसटी के तहत आएंगी. किसी नियोक्ता की तरफ से हर साल 50,000 रुपए तक वैल्यू वाले गिफ्ट जीएसटी के दायरे से बाहर होंगे. हालांकि, 50,000 रुपए से ज्यादा वैल्यू वाले गिफ्ट पर जीएसटी लगेगा.’
कॉन्ट्रैक्चुअल एग्रीमेंट के तहत अतिरिक्त सुविधाओं पर जीएसटी नहीं
हालांकि, जीएसटी लॉ में गिफ्ट को परिभाषित नहीं किया गया है. सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि एंप्लॉयर की तरफ से एंप्लॉयीज को कॉन्ट्रैक्चुअल एग्रीमेंट की शर्तों के तहत दी जाने वाली अतिरिक्त सुविधाओं पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नहीं लगेगा. सरकार ने यह कदम कॉरपोरेट्स में एंप्लॉयीज को दिए जाने वाले महंगे और लग्जरी गिफ्ट को ध्यान में रखकर उठाया है.
साभार: न्यूज़18 हिंदी