अब मिलावटखोरों के साथ सख्ती से निपटने की तैयारी कर रही है. खाने-पीने के सामान में मिलावट करने वालों को उम्रकैद हो सकती है. फूड रेगुलेटर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( FSSAI ) ने इसके लिए खाद्य सुरक्षा कानून में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है. मिलावटखोरों से निपटने के लिए एफएसएसएआई के प्रस्ताव में खाने में मिलावट करने वालों को उम्रकैद की सिफारिश की गई है. इस प्रस्ताव में मिलावट से नुकसान की संभावना पर 7 साल से लेकर उम्रकैद तक सजा और 10 लाख का जुर्माना की भी सिफारिश की गई है.
आपको बता दें कि फिलहाल मिलावट से मौत होने पर ही उम्रकैद का प्रावधान है. अब खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में एक्सपोर्टर्स भी आएंगे. फिलहाल एक्सपोर्टर्स पर खाद्य सुरक्षा कानून लागू नहीं है.
नए कानून जल्द- नए ड्राफ्ट के मुताबिक, नया कानून बनने पर इसके दायरे में एक्सपोर्टर्स भी आएंगे. फिलहाल इन पर खाद्य सुरक्षा कानून लागू नहीं होता है. नए कानून में खाने-पीने का सामान इंपोर्ट करने वालों की जिम्मेदारी भी तय होगी. अभी इन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाती. मसौदे के मुताबिक, उपभोक्ता की परिभाषा में भी बदलाव होगा और पशुओं के खाद्य पदार्थ भी कानून के दायरे में आएंगे.
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने मसौदे पर जनता और संबंधित पक्षों से राय मांगी है. (ये भी पढ़ें-खाना बनाने का है शौक तो ऐसे करें घर बैठे लाखों की कमाई)
पांच दिन में देनी होगी रिपोर्ट- फूड सेफ्टी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है. इसके तहत अब फूड आइटम्स की जांच करने वाली लैब्स को पांच दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी होगी. अगर खाद्य या पेय पदार्थेों के किसी केमिकल या उसमें जीवाणुओं की जांच करनी हो तो अधिकतम 10 दिन में रिपोर्ट देनी होगी. एफएसएसएआई के इस आदेश से फूड सेफ्टी को बरकरार रखने में बड़ी मदद मिलने के आसार हैं.
(साभार न्यूज-18)